रुद्रप्रयाग: पहाड़ में यातायात के लिए मोटर मालिकों की ओर से बनाया गया सबसे बड़ा संगठन जीएमओयू कभी पहाड़ की लाइफलाइन हुआ करती थी. संगठन के पास सम्पूर्ण एशिया में सबसे बड़ा यातायात बसों का बेड़ा हुआ करता था, मगर इसके प्रबंधन की कार्यप्रणाली से धीरे-धीरे इसकी साख गिरती जा रही है और अब तो यह विश्वसनीय भी नहीं रह गई है. इनके प्रबन्धन की मनमर्जी के कारण निर्धारित रूटों पर कभी भी बस सेवा बन्द कर दी जाती है. जिससे यात्रियों को मजबूरन छोटे वाहनों में यात्रा करनी पड़ती है, जो उनकी जेबों पर बहुत भारी पड़ जाता है. कई बार इसकी शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होती. यहां तक कि इनको आरटीओ का भी कोई डर नहीं है.
ऐसा ही मामला जीएमओयू के रुद्रप्रयाग डिपो में देखने को मिला है. जहां प्रबन्धन की खामियों के चलते जनता को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है. जीएमओयू के रुद्रप्रयाग डिपो से जिले के मुख्य मार्गों के अतिरिक्त सभी सम्पर्क मार्गों तथा चमोली जनपद के पोखरी क्षेत्र के लिए निर्धारित समयान्तराल पर बसें लगाई गई हैं, लेकिन डिपो प्रबन्धन की खामियों एवं मोटर मालिकों की मनमर्जी इन रूटों पर बसों के संचालन पर भारी पड़ रहा है. ये बसें जनता की जरूरतों के लिए कम और अपनी सुविधा के लिए अधिक चलती है. डिपो की कई बसें स्कूलों में लगी हैं.