रुद्रप्रयाग:अगस्त्यमुनि ब्लॉक के कमसाल गांव में रहने वाली 28 वर्षीय पूनम देवी पर इन दिनों दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. प्रकृति ने पूनम देवी पर ऐसा कहर ढाया है कि वे बेघर होकर अपने दो मासूम बच्चों के साथ एक अदद आवास के लिए दर-दर भटक रही हैं लेकिन उनको कोई ठौर ठिकाना नहीं मिल पा रहा है.
अभी कुछ दिन पहले हुई बारिश में पूनम देवी का पुराना भवन जमींदोज हो गया था. तब से वो उसी टूटे हुए भवन में गुजर बसर कर रही हैं. वैसे तो उनका नाम प्रधानमंत्री आवास योजना में चढ़ा है, जो पता नहीं कब मिलेगा ? जबकि वर्तमान में उन्हें आवास की सख्त आवश्यकता है. इस कड़ाके की ठंड में वे अपने दो मासूम बच्चों के साथ टूटे हुए मकान में रह रही हैं, जहां दिन में बन्दर तथा रात में जंगली जानवरों का डर बना हुआ है.
कैंसर ने पति को निगला:पूनम देवी (28) के पति धर्मेन्द राणा की मृत्यु सात वर्ष पूर्व हो गई थी. वे गाड़ियों में क्लीनर का काम करते थे. शादी के तीन वर्ष बाद ही वे कैंसर जैसी बीमारी से ग्रसित होकर चल बसे. जो कुछ जमा पूंजी थी, वह बीमारी में खर्च हो गई. पति की मृत्यु के समय उनका एक बेटा दो वर्ष का तथा बेटी एक वर्ष की थी. 4 वर्ष पूर्व सास ससुर ने भी उन्हें अलग कर दिया, जिसके बाद वे एक टूटे हुए मकान में अपने बच्चों के साथ किसी तरह से अपना जीवन यापन कर रही हैं.
बारिश ने बरपाया कहर: 6 जनवरी को हुई बारिश में उनके मकान की छत ढह गई. कुछ दिन दूसरों के घरों में शरण लेकर उन्होंने छत तो जैसे-तैसे पॉलीथीन से ढक दी. अब दिन में बंदर उनका राशन इत्यादि बर्बाद कर रहे हैं. तो वहीं, रात को जंगली जानवरों के डर से तीनों एक कोने में दुबक कर रात गुजरने का इंतजार करते रहते हैं.
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