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यूकेडी प्रत्याशी पर हमले को पुलिस ने बताया झूठा, मोहित डिमरी ने की CBI जांच की मांग - मोहित डिमरी पर हमला झूठा

यूकेडी प्रत्याशी मोहित डिमरी पर अटैक मामले में नया मोड आया है. पुलिस का कहना है कि चुनाव में सहानुभूति बटोरने के लिए झूठा क्राइम सीन तैयार किया गया. जो पूरी तरह झूठा है. उधर, मामले में अब मोहित डिमरी ने सीबीआई जांच की मांग की है.

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यूकेडी प्रत्याशी मोहित डिमरी

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Published : Feb 22, 2022, 7:58 PM IST

Updated : Feb 22, 2022, 8:07 PM IST

रुद्रप्रयागः यूकेडी प्रत्याशी मोहित डिमरी पर हमले की घटना में पुलिस ने मंगलवार को खुलासा किया है. पुलिस की मानें तो यह घटना झूठी और राजनीतिक लाभ लेने के लिए अंजाम दिया गया है. वहीं, यूकेडी प्रत्याशी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने राजनीतिक दबाव में आकर जांच की है. उन्होंने अब इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है.

बता दें कि बीते 12 फरवरी को चुनाव से ठीक पहले जवाड़ी बाईपास पर रुद्रप्रयाग विधानसभा सीट से यूकेडी प्रत्याशी मोहित डिमरी पर कुछ अज्ञात लोगों ने हमला कर दिया था. इस मामले में पीड़ित पक्ष की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और जांच शुरू की. पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने बताया कि जांच करने के बाद यह मामला झूठा और भ्रामक पाया गया. मामले में फाइनल रिपोर्ट लगाते हुए न्यायालय को पेश कर दिया जाएगा. साथ ही बताया कि पुलिस को गलत सूचना देने पर आईपीसी की धारा 182 में कार्रवाई की जाएगी.

यूकेडी प्रत्याशी पर हमले को पुलिस ने बताया झूठा.

वहीं, पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए यूकेडी प्रत्याशी मोहित डिमरी ने कहा कि किसी पार्टी विशेष के दबाव में पुलिस ने जांच की है. उन्होंने कहा कि इस मामले की अभी जांच और विवेचना पूरी नहीं हुई है और पुलिस ने इसे भ्रामक बता दिया. उन्होंने कहा कि हमें पहले से ही अंदेशा था कि सत्ता पक्ष दबाव बनाते हुए जांच को भटकाने का प्रयास करेगी. जिस तरह सत्ता पक्ष के एक जनप्रतिनिधि की ओर से एसपी को पत्र लिखकर पहले ही मामले को तथाकथित बताया गया.

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उससे हमें पूरा अंदेशा था कि पुलिस पर दबाव बनाते हुए जांच को प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है. मोहित डिमरी ने कहा कि इस घटना की निष्पक्ष सीबीआई जांच की जानी चाहिए. पुलिस ने विवेचना से पूर्व ही घटना को भ्रामक बता दिया, जबकि इस मामले में पूरी विवेचना होनी चाहिए थी. घटना के चश्मदीदों के मजिस्ट्रेट के सामने सीआरपीसी की धारा 164 में बयान दर्ज नहीं किए गए. उन्होंने कहा कि पुलिस की विवेचना संदेह के घेरे में है.

एक बीजेपी नेता की ओर से पुलिस से जांच की मांग करते हुए घटना को तथाकथित बताया गया है. यही बीजेपी नेता पिछले दो दिनों से पुलिस के अधिकारियों से फोन पर वार्ता कर रहा था. इसकी कॉल डिटेल भी निकाली जानी जरूरी है. इन्हीं के दबाव में पुलिस ने घटना को झूठा बताया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी नेता उनकी राजनीतिक हत्या करना चाहते हैं. हमें पूरा यकीन है कि इन्हीं के कार्यकर्ताओं ने हमला किया था और अब कार्यकर्ताओं को बचाने के लिए घटना को झूठा बताया जा रहा है.

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मोहित डिमरी का कहना है कि पुलिस की जांच संदेह के घेरे में है. हम इसकी सीबीआई जांच की मांग करते हैं. उन्होंने पुलिस को गांव में शराब और पैसे बांटने की मौखिक सूचना दी थी, लेकिन पुलिस ने किसी को नहीं पकड़ा. बीजेपी का एक कार्यकर्ता शराब के साथ पकड़ा तो गया, लेकिन उसे तुरंत छोड़ दिया गया. उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष सरकारी मशीनरी का पूरा दुरुपयोग कर रही है. न्याय नहीं मिलता है तो इस पूरे मामले में उत्तराखंड क्रांति दल आंदोलन करेगी.

Last Updated : Feb 22, 2022, 8:07 PM IST

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