रुद्रप्रयाग:केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर संचालित हो रहे हजारों घोड़े-खच्चरों की लीद अब आर्थिकी का जरिया बनेगी. इस लीद को एकत्रित करके ईंट, गमले, कोयला आदि का उत्पादन करने की तैयारी की जा रही है. अभी तक लगभग 1200 टन लीद एकत्रित की गई है. इससे केदारघाटी में पर्यटकों को लीद की समस्या से छुटकार मिलेगा, साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार का अवसर भी मिलेगा.
केदारनाथ धाम की यात्रा के दौरान हर साल हजारों घोड़े-खच्चरों का संचालन होता है. घोड़े-खच्चरों की लीद के कारण स्थानीय लोगों के अलावा यात्री भी परेशान रहते हैं. हालांकि, इस लीद की सफाई तो की जाती है, पर यह लीद किमी काम नहीं आ पाती थी. लेकिन अब यह लीद बेकार नहीं जाएगी. सेना के पूर्व सूबेदार मनोज सेमवाल ने इस लीद से रोजगार का जरिया निकाला है. मनोज सेमवाल की पहल से इस लीद को एकत्र कर उससे ईंट, कोयला और गमले बनाने की योजना है. इससे आने वाले समय में जहां लीद की समस्या का निस्तारण हो जाएगा, तो दूसरी तरफ केदारघाटी के लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे. अब तक लगभग 1200 टन लीद एकत्र की जा चुकी है.