रुद्रप्रयाग:चारधाम यात्रा को हाईकोर्ट के निर्देश पर खोल दिया गया है. मगर केदारनाथ यात्रा मार्ग पर अव्यवस्थाएं फैली होने से तीर्थयात्री खासे परेशान हैं. स्थिति यह है कि तीर्थ यात्रियों को सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम तक विकट समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. रास्ते भर फैली गंदगी से तीर्थयात्रियों को दो-चार होना पड़ रहा है. पैदल मार्ग पर पेयजल की भी समुचित व्यवस्था नहीं है. इसके अलवा पैदल मार्ग बरसात के कारण डेंजर बना हुआ है जिस पर सफर करना किसी खतरे से खाली नहीं है.
हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने 18 सितंबर से चारधाम की यात्रा शुरू की. हाईकोर्ट के निर्देश के तहत हर दिन 800 तीर्थयात्रियों को केदारनाथ धाम आने की अनुमति है. इससे ज्यादा तीर्थ यात्री धाम नहीं जा सकते लेकिन जो तीर्थयात्री धाम पहुंच रहे हैं, उन्हें भारी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में सरकार और जिला प्रशासन की लचर कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं. ऐसे में लग रहा है कि सरकार ने यात्रा शुरू करते समय पूरी व्यवस्थाएं नहीं देखीं या फिर जिला प्रशासन पर आंख मूंदकर विश्वास कर लिया.
कुछ दिन पूर्व मुख्य सचिव ने भी केदारनाथ धाम का दौरा कर अधिकारियों को यात्रा मार्ग पर व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे. मगर अधिकारी हैं कि मुख्य सचिव के निर्देशों को भी नहीं मान रहे हैं. सोनप्रयाग से केदारनाथ तक पैदल मार्ग की स्थिति दयनीय बनी हुई है. मार्ग पर कई स्थानों पर बड़े-बड़े बोल्डर पड़े हैं. साथ ही कई जगह दलदल जैसी स्थिति बनी हुई है. वहीं, शौचालयों में गंदगी के ढेर लगे हुए हैं.
इस पर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने कहा कि शासन के आला अफसर हवाई दौरे कर यात्रा मार्गों पर व्यवस्थाएं दुरुस्त होने की बात कर रहे हैं, लेकिन धरातल पर हो रही परेशानियों से बेखबर हैं. जिसका खामियाजा तीर्थ यात्रियों को भुगतान पड़ रहा है. उन्हें जान हथेली पर रखकर यात्रा करनी पड़ रही है.
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