रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम आने वाले तीर्थयात्रियों को धाम जाने के लिए सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच घंटों तक जाम (Jam between Sonprayag to Gaurikund) में फंसना पड़ रहा है. पांच किमी के सफर को तय करने के लिए यात्रियों (Passengers troubled by jam between Sonprayag to Gaurikund) को तीन से चार घंटे लग रहे हैं. ऐसे में तीर्थ यात्री समय पर केदारनाथ धाम के लिए नहीं निकल पा रहे हैं.
बता दें केदारनाथ आने वाले तीर्थ यात्रियों के वाहन सोनप्रयाग और सीतापुर में पार्क हो जाते हैं. सोनप्रयाग से यात्रियों को प्रशासन की शटल सेवा से गौरीकुंड तक जाना पड़ता है. सोनप्रयाग से गौरीकुंड की दूरी पांच किमी है, लेकिन इस पांच किमी के सफर को तय करने में घंटों का समय लग रहा है. सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच शटल सेवा में दो सौ से अधिक वाहनों का संचालन हो रहा है. लेकिन गौरीकुंड और सोनप्रयाग के बीच मोटरमार्ग की चौड़ाई बहुत कम होने से यहां घंटों तक जाम लग रहा है.
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ऐसे में जो सफर मात्र 10 मिनट में पूरा होना था, उसे पूरा करने में घंटों का समय लग रहा है. जाम की स्थिति एक ही समय की नहीं, बल्कि कई समय की है. सुबह से लेकर देर रात तक कई बार जाम लग रहा है. गौरीकुंड के पूर्व प्रधान मायाराम गोस्वामी ने कहा केदारनाथ आपदा को बीते दस साल का समय होने जा रहा है, लेकिन आज तक शासन-प्रशासन की ओर से सोनप्रयाग-गौरीकुंड राजमार्ग की स्थिति को सुधारा नहीं गया है. यहां पर मार्ग संकरा होने से आवागमन में भारी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं.
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उन्होंने कहा कि स्थानीय ग्रामीण लम्बे समय से राजमार्ग की चौड़ाई बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार, शासन-प्रशासन सुनने को तैयार ही नहीं हैं. केन्द्र व राज्य सरकार का ध्यान सिर्फ केदारनाथ धाम पर है. यात्रा पड़ावों पर फैली अव्यवस्थाओं पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
वहीं, पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध घिल्डियाल ने कहा कि सोनप्रयाग से गौरीकुंड राजमार्ग के संकरे होने से वाहनों की आवाजाही धीमी हो रही है. ऐसे में आने-जाने में दिक्कतें होती हैं. उन्होंने बताया कि दो सौ शटल वाहन हर दिन यहां पर आवाजाही करते हैं, जिस कारण यातायात स्लो हो जाता है.