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पिथौरागढ़ में सड़क की मांग को लेकर 3 गांवों ने किया मतदान बहिष्कार, प्रशासन को छूटे पसीने - Pithoragarh election boycott news

पिथौरागढ़ जिले के कुछ गांव ऐसे भी हैं जहां लोगों ने मतदान का पूर्ण बहिष्कार किया है. लंबे समय से उपेक्षा से नाराज ग्रामीणों में आक्रोश है.

Pithoragarh
सड़क की मांग को लेकर 3 गांवों ने किया मतदान बहिष्कार

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Published : Feb 14, 2022, 3:08 PM IST

पिथौरागढ़:लोकतंत्र के महापर्व में जहां एक ओर लोग बढ़-चढ़कर मतदान के लिए आगे आ रहे हैं, वहीं पिथौरागढ़ जिले के कुछ गांव ऐसे भी हैं जहां लोगों ने मतदान का पूर्ण बहिष्कार किया है. खास तौर पर सड़क की मांग को लेकर ग्रामीणों ने बहिष्कार किया है. गंगोलीहाट विधानसभा के हिपा गांव और चामाचौड़ के ग्रामीण जहां मतदान बहिष्कार पर डटे हुए हैं, वहीं धारचूला विधानसभा सीट के कनार गांव के ग्रामीण भी शासन-प्रशासन की उपेक्षा के चलते मतदान बहिष्कार करने को मजबूर हैं. कनार के लोग लंबे समय से सड़क की मांग करते आ रहे हैं. मगर आज तक कोई सुनवाई न होने से ग्रामीण नाराज हैं.

लंबे समय से सड़क की मांग को लेकर पिथौरागढ़ जिले की गंगोलीहाट विधानसभा सीट के हीपा और चामाचौड़ के साथ ही धारचूला विधानसभा सीट के कनार गांव में ग्रामीणों ने मतदान के बहिष्कार का ऐलान किया है. अभी तक मिली खबरों के अनुसार चामाचौड़ और कनार गांव में स्थित बूथ में अभी तक किसी ने वोट नहीं किया है. जबकि हीपा गांव में महज 2 वोट पड़े हैं. बता दें कि गंगोलीहाट विधानसभा सीट के चामाचौड़ मतदान केंद्र में कुल 775 वोटर हैं. सड़क की मांग पूरी नहीं होने पर ग्रामीणों ने यहां मतदान का पूर्ण बहिष्कार किया है.

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2014 में हुए विधानसभा चुनाव में भी चामाचौड़ के ग्रामीणों ने मतदान नहीं किया था. वहीं हिपा बूथ में कुल 456 वोटर हैं. इस बूथ में सिर्फ दो व्यक्तियों ने ही मतदान किया, जबकि बाकी ग्रामीण रोड नहीं तो वोट नहीं के नारे पर डटे हुए हैं. हिपा गांव के लोग प्रेम नगर से हीपा तक 6 किमी सड़क की मांग कर रहे हैं. दूसरी तरफ धारचूला विधानसभा सीट में पड़ने वाले जिले के सबसे दूरस्थ पोलिंग बूथ कनार में भी सड़क की मांग को लेकर ग्रामीण चुनाव बहिष्कार कर रहे हैं.

बता दें कि कनार बूथ के लिए 18 किमी पैदल चढ़ाई चढ़नी पड़ती है. यहां लोग डिजिटल क्रांति के दौर में भी अदिम युग सा जीवन जीने को मजबूर हैं. कनार के 600 मतदाताओं ने एक स्वर में मतदान नहीं करने का ऐलान किया है. वहीं प्रशासन ग्रामीणों को मतदान के लिए मनाने में जुटा हुआ है. मगर ग्रामीण सड़क की मांग को लेकर चुनाव बहिष्कार पर डटे हुए हैं.

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