रुद्रप्रयाग:भगवान तुंगनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल मर्कटेश्वर तीर्थ मक्कूमठ (Rudraprayag Lord Tungnath Temple) में श्रीबदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति व ग्राम पंचायत मक्कूमठ व पावजगपुडा के संयुक्त तत्वावधान में 18 वर्षों बाद महायज्ञ व महा शिवपुराण कथा वैदिक मंत्रोच्चारण व श्रद्धालुओं की जयकारों के साथ शुरू हुई. महायज्ञ के पहले दिन विभिन्न गांवों के सैकड़ों भक्तों ने प्रतिभाग किया. इस पावन अवसर पर मंदिर परिसर में देव वृक्ष बेलपत्र का रोपण कर पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन का संकल्प लिया गया. 11 दिवसीय महायज्ञ व शिव महापुराण में 1 मई को भव्य जल कलश यात्रा निकालने के साथ ही 2 मई को पूर्णाहुति के साथ 11 दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान का समापन होगा.
शुक्रवार को विद्वान आचार्यों द्वारा ब्रह्मबेला पर पंचाग पूजन के तहत भगवान तुंगनाथ का आह्वान किया गया तथा श्रीबदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (Shri Badrinath Kedarnath Temple Committee) द्वारा महायज्ञ में अहम योगदान देने वाले विद्वान आचार्यों, जनप्रतिनिधियों का फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया गया. विद्वान आचार्यों के वैदिक मंत्रोच्चारण से मक्कू गांव के मध्य जाखराजा तोक में अग्नि प्रज्वलित की गयी तथा मंत्रोच्चारण से प्रज्ज्वलित अग्नि से हवन कुंड में महायज्ञ का श्रीगणेश किया गया. महायज्ञ में नवीन प्रसाद देवशाली द्वारा आचार्य व प्रकाश चन्द्र मैठाणी द्वारा ब्रह्मा की भूमिका निभाने के साथ ही विभिन्न गांवों के विद्वान आचार्यों द्वारा योगदान दिया जा रहा है.