रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम में हेलीकाॅप्टर क्रैश की घटना ने तीर्थयात्रियों के मन में खौफ पैदा कर दिया है. जहां एक ओर हेलीकाॅप्टर बुकिंग कैंसिल हो रही हैं, वहीं होटलों की बुकिंग भी रद्द होने से स्थानीय व्यापारी मायूस हैं. केदारनाथ यात्रा में एकदम से गिरावट आ गई है. पहले जहां 10 से 12 हजार के करीब तीर्थयात्री हर दिन पहुंच रहे थे, वहीं घटना के बाद 5 हजार के करीब ही तीर्थयात्री केदारनाथ पहुंच रहे हैं.
बता दें मंगलवार को केदारनाथ से दो किमी पहले गरुड़चट्टी में आर्यन कंपनी का हेलीकाॅप्टर क्रैश हो गया था. घटना में पायलट समेत 7 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी. घटना के बाद हेलीकाॅप्टर सेवाओं पर अस्थाई रोक लगाई गई, जबकि उसी दिन शाम के समय कुछ हेली सेवाओं ने केदारनाथ के लिए उड़ान भरी. इसके बाद बुधवार सुबह आर्यन कंपनी को छोड़कर सभी 8 हेली कंपनियों ने अपनी सेवाएं शुरू की. आर्यन कंपनी का हेलीकाॅप्टर क्रैश होने से डीजीसीए ने इसकी हेली सेवा पर रोक लगा दी है, जिस कारण आर्यन कंपनी की सभी बुकिंग रद्द हो गई हैं. इसके अलावा अन्य कंपनियों की टिकटें भी कैंसिल हो रही हैं. लोगों के मन में घटना के बाद से डर सता रहा है, जिस कारण वे हेली टिकट होने के बाद भी बिना दर्शन के वापस लौट रहे हैं.
हेलीकाॅप्टर क्रैश घटना के बाद केदारनाथ यात्रा में आई गिरावट पढे़ं- कहीं हेलीकॉप्टर का पंख, कहीं लाशें, बर्फबारी के बाद भी रेस्क्यू टीमें जुटीं, देखें वीडियो केदारनाथ में हेलीकाॅप्टर क्रैश की घटना से पहले जहां धाम में पांव रखने तक की जगह नहीं थी, वहीं घटना के बाद एकदम से यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में गिरावट आ गई है. घटना के दिन 12 हजार 123 तीर्थयात्रियों ने बाबा के दर्शन किए, जबकि बुधवार को मात्र 5 हजार 637 तीर्थयात्री केदारनाथ पहुंचे. हालांकि केदारनाथ धाम की यात्रा में अभी तक 15 लाख 40 हजार से अधिक तीर्थयात्री बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं. जिनमें 1 लाख 44 हजार 832 तीर्थयात्री हेली सेवा के जरिये केदारनाथ पहुंचे हैं. जबकि अन्य यात्री घोड़ा-खच्चर, डंडी-कंडी का सहारा लेने के साथ ही पैदल धाम पहुंचे.
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केदारघाटी एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम गोस्वामी ने कहा साफ तौर पर हेलीकाॅप्टर क्रैश घटना का असर केदारनाथ यात्रा पर देखा जा रहा है. हेलीकाॅप्टर क्रैश की घटना के बाद से कई तीर्थयात्रियों ने केदारनाथ यात्रा रद्द कर दी है. जहां प्रतिदिन दस से पन्द्रह हजार के बीच तीर्थयात्री धाम पहुंच रहे थे, वहीं अब आधे संख्या में ही तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं. उन्होंने कहा प्रशासन और शासन को हेली कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. ये कंपनियां तीर्थयात्रियों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रही हैं.