रुद्रप्रयाग:करोड़ों हिन्दुओं की आस्था के केंद्र ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ के दरबार में फिर से श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिल रही है. मौसम साफ और हेली सेवाएं शुरू होने के बाद रोजना 4 से 5 हजार यात्री बाबा के धाम पहुंच रहे हैं. जिससे यात्रा पड़ावों पर व्यापारियों के चेहरे पर खुशी देखने को मिल रही है. ऐसे में प्रशासन यात्रा पड़ावों पर व्यवस्थाएं दुरुस्त करने में लगा हुआ है.
केदारनाथ के दरबार में फिर से श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी. गौरीकुंड से केदारनाथ पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों की आवाजाही हो रही है, तो वहीं डंडी कंडी मजदूर भी यात्रियों को ढोने में व्यस्त हैं. इसके अलावा हेली सेवाओं से यात्रियों को काफी राहत मिल रही है. मॉनसून सीजन में जहां नाममात्र के यात्री ही केदारनाथ धाम पहुंच रहे थे, वहीं अब 4 से 5 हजार यात्री रोजाना पहुंच रहे हैं.
ऐसे में जिला प्रशासन यात्रा व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरूस्त करने में लगा हुआ है. यात्रा पड़ावों पर एडवांस टीमें तैनात की गई हैं, जो यात्रियों की हरसंभव मदद करने में जुटी हुई हैं. अब तक 8 लाख 65 हजार श्रद्धालु बाबा केदार के दरबार में पहुंच चुके हैं, तो वहीं अनुमान लगाया जा रहा है कि कपाट बंद होने तक यह आंकड़ा 10 लाख को पार कर जायेगा.
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व्यापारियों के चेहरों पर मुस्कान लौटी
इससे यात्रा मार्ग पर व्यवसाय कर रहे व्यापारियों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई है. वहीं, दूसरी ओर केदारनाथ मंदिर के दाईं ओर डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर बनाई गई योग ध्यान गुफा के लिए लगातार बुकिंग हो रही है. अक्टूबर माह तक गुफा की बुकिंग हो चुकी है. ऐसे में प्रशासन धाम में अन्य गुफाओं को बनाने की कार्य योजना तैयार कर रहा है.
श्रद्धालु कर रहे ध्यान गुफा का रुख
बता दें, ध्यान गुफा में जब से देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने येाग साधना की है, तब से गढ़वाल मण्डल विकास निगम को लगातार बुकिंग मिल रही है. अब तक देश-विदेश के 50 से ज्यादा श्रद्धालु इस गुफा में साधना कर चुके हैं. वहीं अब तक गढ़वाल मंडल विकास निगम को एक लाख का राजस्व प्राप्त हो चुका है.
गुफा की एक रात की बुकिंग 1500 रुपये है. इस गुफा में रहने और खाने की उचित व्यवस्था है. साथ ही यहां पर एक फोन भी रखा गया है, जिससे जीएमवीएन से संपर्क किया जा सकता है. इस साल पहली बार ही गुफाओं की बुकिंग की गई है. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले सालों में गुफा में साधना करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भारी इजाफा होगा.