रुद्रप्रयाग: केदारघाटी से 9 हेली कंपनियां केदारनाथ धाम के लिए उड़ाने भर रही हैं. इन हेली कंपनियों से धाम जाने वाले तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य की जांच नहीं होने से श्रद्धालुओं को केदारनाथ धाम में दिक्कतें हो रही थी. ऐसे में जिला प्रशासन की ओर से हेलीकॉप्टर से केदारनाथ जाने वाले यात्रियों की स्वास्थ्य जांच हेलीपैड पर की जाएगी. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और हंस फाउंडेशन की ओर से गुप्तकाशी से सोनप्रयाग तक 11 स्थानों पर कियोस्क सेंटर स्थापित किए जाएंगे.
इन सेंटरों में यात्रियों की प्रारंभिक जांच के साथ ही उनका रक्तचाप, शूगर, ऑक्सीजन की मात्रा, हृदय की जांच कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी. साथ ही प्रत्येक यात्री का रिपोर्ट कार्ड तैयार कर डेटा बैंक भी बनाया जाएगा. बता दें कि समुद्रतल से 11 हजार 750 फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ क्षेत्र विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला इलाका है. यहां पहुंचने पर तीर्थयात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
खास तौर पर पैदल यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों की धाम पहुंचने पर सांस फूलने लगती है. जबकि हार्ट मरीजों की तबीयत बिगड़ जाती है. इसके अलावा हेलीकाॅप्टर से पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों की तबीयत भी अचानक से खराब हो जाती है. अचानक बदलते मौसम में पहुंचने के कारण तीर्थयात्रियों को दिक्कतें हो जाती है. केदारघाटी से हेलीकाॅप्टर के जरिए 7 मिनट में केदारनाथ पहुंचा जाता है, जिस कारण मौसम परिवर्तन होने से तीर्थयात्रियों का स्वास्थ्य बिगड़ जाता है.
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