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उत्तराखंड में कार्य बहिष्कार में उतरे NHM कर्मी, हरियाणा की तर्ज पर वेतन दिए जाने की मांग

उत्तराखंड में एनएचएम कर्मचारियों ने हरियाणा की तर्ज पर वेतनमान दिए जाने को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अब स्वास्थ्य कर्मियों ने इमरजेंसी सेवाओं से भी हाथ खड़े कर दिए हैं और अपनी मांगों को लेकर पूर्ण रूप से कार्य बहिष्कार (nhm workers work boycott) शुरू कर दिया है.

nhm workers work boycott
एनएचएम कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार

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Published : Dec 10, 2021, 7:35 PM IST

रुद्रप्रयाग/बागेश्वरः हरियाणा की तर्ज पर ग्रेड वेतनमान समेत अन्य मांगों को लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारियों (nhm workers work boycott) ने पूर्ण रूप से कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है. इतना ही नहीं स्वास्थ्य कर्मियों ने इमरजेंसी सेवाओं से भी हाथ खड़े कर दिए हैं. जिससे स्वास्थ्य व्यवस्था लड़खड़ाती नजर आ रही है. साथ ही मरीजों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि, सीडीएस बिपिन रावत के निधर पर शोक जताते हुए स्वास्थ्य कर्मी शांति पूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे हैं.

बता दें कि रुद्रप्रयाग में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी (national health mission contract workers) बीते लंबे समय से दो सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. उनकी दो सूत्रीय मांग हैं, जिन पर सरकार कोई ठोस कदम उठाने को तैयार नहीं है. जिस कारण कर्मचारियों ने पहले इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर कार्य बहिष्कार शुरू किया और अब इमरजेंसी सेवाओं से भी हाथ खड़े कर दिए हैं.

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ऐसे में जिले में बाल स्वास्थ्य टीकाकरण, जननी सुरक्षा कार्यक्रम, कोविड टीकाकरण, कोविड सैंपलिंग, किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम, टीबी उन्मूलन कार्यक्रम समेत सभी हैल्थ वैलनेस सेंटरों में इमरजेंसी सेवाएं भी प्रभावित हो गई हैं. रुद्रप्रयाग जिले में करीब 300 एनएचएम कर्मचारी (NHM employees in Rudraprayag) हैं, जो स्वास्थ्य महकमे में विभिन्न सेवाओं में लगे हुए हैं.

इन कर्मचारियों की मांग है कि हरियाणा की तर्ज पर ग्रेड वेतनमान का लाभ (nhm workers demand pay scale according to haryana) एवं पर्वतीय राज्य असम की भांति 60 वर्ष की सेवा का लाभ देने और आउटसोर्सिंग के माध्यम से की जा रही नियुक्तियों पर अविलंब रोक (nhm employees demands to ban outsource recruitment) लगाई जाए. स्वास्थ्य कर्मियों की इन मांगों पर सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. ऐसे में कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ गया है.

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एनएचएम संगठन के जिलाध्यक्ष विपिन सेमवाल ने कहा कि पिछले 17 सालों से स्वास्थ्य सेवाओं में पूरी ईमानदारी के साथ सेवाएं दी जा रही हैं. इसके साथ ही कोविड महामारी के दौरान जहां कर्मचारियों ने दिन-रात कार्य किया. वहीं, कोरोना से कई कर्मचारी प्रभावित भी हुए. इसके बावजूद भी कर्मचारियों ने कार्य किया. उन्होंने कहा कि जब तक मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो जाती, तब तक पूर्ण रूप से कार्य बहिष्कार जारी रहेगा.

बागेश्वर में एनएचएम कर्मचारियों का अनिश्चितकालीन धरना, यूथ कांग्रेस ने दिया समर्थनःएनएचएम कर्मचारियों का अनिश्चितकालीन धरना शुरू हो गया है. दो सूत्रीय मांगों को लेकर कर्मचारी तीन दिन से आंदोलनरत हैं. अब आपात सेवा में लगे कर्मचारी भी आंदोलन में शामिल हो गए हैं. उनका कहना है कि कर्मचारी आंदोलन की राह पर हैं, लेकिन उनकी न विभाग सुन रहा है और न सरकार. उन्होंने उपेक्षा पर कड़ी आपत्ति जताई है.

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कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी, वो पीछे नहीं हटेंगे. उन्होंने कहा कि जिला स्तर के साथ साथ ब्लॉक स्तर पर भी उनका आंदोलन शुरू हो चुका है. वहीं, उनके धरने को यूथ कांग्रेस ने अपना समर्थन दिया है. कवि जोशी ने बताया कि सरकार इनकी मांगों को जल्द से जल्द नहीं मानती है तो यूथ कांग्रेस जल्द उग्र आंदोलन को बाध्य होगी.

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