रुद्रप्रयाग/बागेश्वरः हरियाणा की तर्ज पर ग्रेड वेतनमान समेत अन्य मांगों को लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारियों (nhm workers work boycott) ने पूर्ण रूप से कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है. इतना ही नहीं स्वास्थ्य कर्मियों ने इमरजेंसी सेवाओं से भी हाथ खड़े कर दिए हैं. जिससे स्वास्थ्य व्यवस्था लड़खड़ाती नजर आ रही है. साथ ही मरीजों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि, सीडीएस बिपिन रावत के निधर पर शोक जताते हुए स्वास्थ्य कर्मी शांति पूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे हैं.
बता दें कि रुद्रप्रयाग में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी (national health mission contract workers) बीते लंबे समय से दो सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. उनकी दो सूत्रीय मांग हैं, जिन पर सरकार कोई ठोस कदम उठाने को तैयार नहीं है. जिस कारण कर्मचारियों ने पहले इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर कार्य बहिष्कार शुरू किया और अब इमरजेंसी सेवाओं से भी हाथ खड़े कर दिए हैं.
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ऐसे में जिले में बाल स्वास्थ्य टीकाकरण, जननी सुरक्षा कार्यक्रम, कोविड टीकाकरण, कोविड सैंपलिंग, किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम, टीबी उन्मूलन कार्यक्रम समेत सभी हैल्थ वैलनेस सेंटरों में इमरजेंसी सेवाएं भी प्रभावित हो गई हैं. रुद्रप्रयाग जिले में करीब 300 एनएचएम कर्मचारी (NHM employees in Rudraprayag) हैं, जो स्वास्थ्य महकमे में विभिन्न सेवाओं में लगे हुए हैं.
इन कर्मचारियों की मांग है कि हरियाणा की तर्ज पर ग्रेड वेतनमान का लाभ (nhm workers demand pay scale according to haryana) एवं पर्वतीय राज्य असम की भांति 60 वर्ष की सेवा का लाभ देने और आउटसोर्सिंग के माध्यम से की जा रही नियुक्तियों पर अविलंब रोक (nhm employees demands to ban outsource recruitment) लगाई जाए. स्वास्थ्य कर्मियों की इन मांगों पर सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. ऐसे में कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ गया है.