12.65 लाख श्रद्धालु कर चुके बाबा के दर्शन रुद्रप्रयागःविश्व प्रसिद्ध चारधाम में शुमार केदारनाथ धाम की यात्रा जारी है. अभी तक 12 लाख 65 हजार यात्री बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं. इसके साथ ही मौत का आंकड़ा भी सैकड़ा पहुंचने वाला है. अभी तक केदारनाथ धाम की यात्रा में आए 96 यात्रियों की जान जा चुकी है. ज्यादातर यात्रियों की मौत हार्ट अटैक और ठंड लगने से हुई है. वहीं, प्रशासन की ओर से यात्रियों से गर्म कपड़े, रेनकोट, आवश्यक दवाइयां साथ लेकर यात्रा करने की अपील की जा रही है.
बता दें कि बारह ज्योतिर्लिंग में से एक केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल को खुले थे. मॉनसून सीजन में यात्रा की रफ्तार धीमी हुई, लेकिन अब एक बार फिर से यात्रा ने रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी है. अब तक बाबा के दर पर 12.65 लाख यात्री पहुंच चुके हैं. जबकि, केदारनाथ यात्रा पर आने वाले 96 यात्री हार्ट अटैक और ठंड से अपनी जान गंवा चुके हैं.
अब पहाड़ों में ठंड पड़नी शुरू हो गई है. ऐसे में यात्रा पर आने वाले लोगों को संभलकर यात्रा करने की जरूरत है. खासकर 50 वर्ष से अधिक आयु के यात्रियों को अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यात्रा करने की जरूरत है. ज्यादातर बुजुर्ग तीर्थ यात्री ही हार्ट अटैक और ठंड का शिकार हो रहे हैं.
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गर्म कपड़े समेत ये सामान लेकर यात्रा पर निकलेंः यात्रा करने से पहले यात्री अपने स्वास्थ्य की जांच कराएं. साथ ही अपने साथ गर्म कपड़े, रेनकोट, आवश्यक दवाइयां जरूर लेकर जाएं. केदारनाथ धाम में अब ठंड बढ़ गई है. अभी तक 7 हजार यात्रियों को ऑक्सीजन दी जा चुकी है. जबकि, 20 से ज्यादा यात्रियों को एयर लिफ्ट किया गया है.
बोल्डर से यात्रियों की बढ़ी परेशानी केदारनाथ पैदल मार्ग पर बोल्डरों को हटाने का काम जारीः वहीं, केदारनाथ पैदल मार्ग मॉनसून सीजन में भैरव ग्लेशियर, हथनी ग्लेशियर, लिनचोली समेत अन्य स्थानों पर ध्वस्त हो गया था. लिनचोली में तो पैदल मार्ग का कई मीटर हिस्सा तेज बहाव में बह गया था. किसी तरह से पैदल मार्ग को घोड़े खच्चरों की आवाजाही लायक बनाया गया. अब यात्रा ने फिर से रफ्तार पकड़ दी है. ऐसे में पैदल मार्ग को दुरुस्त किया जा रहा है.
केदारनाथ पैदल मार्ग पर बोल्डर पैदल मार्ग पर पहाड़ी से आए बड़े-बड़े बोल्डरों को मजदूर काटकर हटा रहे हैं. मौसम भी पैदल मार्ग को दुरुस्त करने में बाधक बना हुआ है. शाम के समय बारिश होने से पैदल मार्ग पर आवाजाही में परेशानी हो रही है. संबंधित अधिकारियों का कहना है कि यात्रियों को कोई दिक्कत न हो, इसलिए पैदल मार्ग को त्वरित गति से दुरुस्त किया जा रहा है.
रुद्रप्रयाग जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि यात्री अपने साथ गर्म कपड़े साथ लेकर चलें. साथ ही रुक-रुक कर यात्रा करें. क्योंकि, उच्च हिमालयी क्षेत्रों में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है. उन्होंने बताया कि अभी तक 96 यात्रियों की मौत हो चुकी है.