उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

प्रसिद्ध मद्महेश्वर और तुंगनाथ धाम में छाई विरानी, व्यापारियों के सामने गहराया आर्थिक संकट - merchants facing financial problem

कोरोना महामारी के चलते चारधाम यात्रा पर रोक लगी है. वहीं, द्वितीय केदार मद्महेश्वर और तृतीय केदार तुंगनाथ में सन्नाटा पसरा है. ऐसे में व्यापारियों के सामने आर्थिक संकट गहराने लगा है.

madhyamaheshwar
तुंगनाथ

By

Published : May 28, 2021, 10:25 PM IST

रुद्रप्रयागः प्रसिद्ध द्वितीय केदार मद्महेश्वर और तृतीय केदार तुंगनाथ में कोरोना महामारी के कारण सन्नाटा पसरा हुआ है. कभी तीर्थ यात्रियों से यह यात्रा पड़ाव गुलजार रहता था, लेकिन इस बार कोरोना के चलते यात्रा बंद हैं. ऐसे में यात्रियों के न आने से हक-हकूकधारियों और स्थानीय व्यापारियों के सामने आर्थिकी का संकट गहराने लगा है.

बता दें कि भगवान मद्महेश्वर और तुंगनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद हजारों की संख्या में तीर्थ यात्री दोनों धाम पहुंचते थे, जिससे यात्रा पड़ावों पर रौनक बनी रहती थी. इन यात्रा पड़ावों पर तीर्थ यात्रियों की आवाजाही होने से देवस्थानम् बोर्ड समेत स्थानीय व्यापारियों की आर्थिकी सुदृढ़ होने के साथ ही स्थानीय उत्पादों को भी बढावा मिलता था. मद्महेश्वर घाटी के सिद्धपीठ काली शिला, राकेश्वरी मंदिर रांसी व मनणा माई तीर्थ में भी तीर्थ यात्रियों की आवाजाही शुरू हो जाती थी.

मद्महेश्वर धाम.

ये भी पढ़ेंःउत्तराखंड की लाइफलाइन चारधाम यात्रा पर ब्रेक, करोड़ों से हजारों में आई पर्यटकों की संख्या

इसके अलावा रांसी-मनणा-केदारनाथ, मद्महेश्वर-पांडव सेरा-नंदी कुंड, बुरूवा-विसुणीताल पैदल ट्रेकों पर भी सैलानियों व प्रकृति प्रेमियों का आवागमन शुरू होने से स्थानीय गाइड के सामने स्वरोजगार के अवसर प्राप्त हो जाते थे, लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन होने से मद्महेश्वर घाटी के यात्रा पड़ावों पर सन्नाटा पसरा हुआ है, जिससे यहां के जनमानस को भविष्य की चिंता सता रही है.

व्यापारियों के सामने गहराया आर्थिक संकट

स्थानीय व्यापारी सत्य प्रसाद, भगत सिंह पंवार, महावीर सिंह ने बताया कि मद्महेश्वर और तुंगनाथ घाटी के सभी यात्रा पड़ावों पर सन्नाटा पसरने से सभी को भविष्य की चिंता सताने लगी है. यदि समय रहते चारधाम यात्रा सुचारू नहीं होती है तो घाटी के हर जनमानस की आजीविका बुरी तरह प्रभावित हो सकती है. उनका कहना है कि सरकार को लॉकडाउन की गाइडलाइन में छूट देनी चाहिए, जिससे क्षेत्र का पर्यटन व्यवसाय पटरी पर आ सके.

ये भी पढ़ेंःकोरोना संक्रमण कम होने पर सरकार चारधाम यात्रा पर कर सकती है विचार

यहां के लोग यात्रा पर ही निर्भर रहते हैं. दो साल से इनके सामने रोजी-रोटी का संकट बना हुआ है. दो सालों से मद्महेश्वर और तुंगनाथ घाटी का तीर्थाटन एवं पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित हो गया है. हर व्यक्ति को भविष्य की चिंता सताने लग गई है. तीर्थ यात्रियों, पर्यटकों व सैलानियों की आवाजाही से गुलजार रहने वाले यात्रा पड़ाव वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण वीरान पड़े हुए हैं, जिससे क्षेत्र का तीर्थाटन एवं पर्यटन व्यवसाय बुरी तरह चरमरा गया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details