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गर्भवती महिला की मौत के मामले की जांच शुरू, आश्वासन मिलने के बाद धरना-प्रदर्शन स्थगित - गर्भवती महिला की मौत के मामले की जांच शुरू

गर्भवती महिला की मौत की उच्चस्तरीय जांच की मांग (Rudraprayag pregnant woman death investigation) को यूकेडी मुखर है. मामले में उत्तराखंड क्रांति दल ने जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्साधिकारी से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा.जांच का आश्वासन मिलने के बाद उक्रांद ने अपना प्रस्तावित धरना-प्रदर्शन स्थगित कर दिया है.

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डीएम को दिया ज्ञापन

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Published : Apr 22, 2022, 2:12 PM IST

रुद्रप्रयाग: गर्भवती महिला की मौत की उच्चस्तरीय जांच की मांग (Rudraprayag pregnant woman death investigation) को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल ने जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्साधिकारी से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा. जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि अपर मुख्य चिकित्साधिकारी की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन किया गया है. कमेटी दो दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी. जांच का आश्वासन मिलने के बाद उक्रांद ने अपना प्रस्तावित धरना-प्रदर्शन स्थगित कर दिया है.

गौर हो कि उक्रांद नेता (Rudraprayag UKD Leader) मोहित डिमरी ने कहा कि जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग में भर्ती एक गर्भवती महिला की अत्याधिक रक्तस्राव के चलते मौत हो गई है. प्रथम दृष्टया इस मामले में मेडिकल स्टॉफ की लापरवाही सामने आ रही है. स्थानीय जनता इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रही है.मोहित डिमरी ने कहा कि विकासखंड जखोली के किमाणा-दानकोट निवासी ज्योति (28) को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने उसे जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया.

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बीते 21 अप्रैल की सुबह प्रसव होने के बाद उसकी नाजुक हालत को देखते हुए महिला को मेडिकल स्टॉफ ने मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के लिए रेफर कर दिया, जहां उसकी मौत हो गई. डॉक्टरों के मुताबिक गर्भाशय फटने से महिला की हालत नाजुक हो गई थी. उक्रांद जिलाध्यक्ष बलबीर चौधरी, कार्यकारी अध्यक्ष बुद्धि बल्लभ ममगाई, वरिष्ठ उपाध्यक्ष भगत चौहान, केंद्रीय सचिव पृथ्वीपाल रावत, केंद्रीय संगठन मंत्री जितार जगवाण, युवा केंद्रीय सचिव सुबोध नौटियाल, महामंत्री अशोक चौधरी, राय सिंह रावत, चंद्रमोहन गुसाईं, ब्लॉक अध्यक्ष कमल रावत ने कहा कि पूर्व में भी जिला चिकित्सालय में कई गर्भवती महिलाओं की मौत हो चुकी है.

लगातार हो रही मौतों के चलते अस्पताल की छवि खराब हो रही है. उन्होंने कहा कि जल्द ही पीड़ित पक्ष को न्याय न मिला तो उक्रांद आंदोलन के लिये बाध्य होगा. उन्होंने जिलाधिकारी से गर्भवती महिला की मौत के कारणों की उच्च स्तरीय जांच कर इसे सार्वजनिक करने की मांग की. उक्रांद के पदाधिकारियों ने जिला और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्त्री रोग विशेषज्ञ नियुक्त करने की मांग की है.

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