रुद्रप्रयाग:आगामी 14 मई को भगवान केदारनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर से हिमालय गमन की तैयारियों को लेकर बैठक हुई. इसमें देवस्थानम बोर्ड, तहसील प्रशासन, जनप्रतिनिधियों, केदारसभा तथा हक-हकूकधारी शामिल रहे. ओंकारेश्वर मंदिर परिसर में संपन्न हुई बैठक में डोली के हिमालय गमन पर एक मत नहीं बन पाया. बैठक में कुछ लोगों का मत था कि भगवान केदारनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली को परम्परानुसार पैदल मार्ग से ले जाना चाहिए. कुछ लोगों का मत था कि वैश्विक महामारी कोरोना संकमण के विकराल रूप धारण करने से डोली शासन की गाइडलाइन के अनुसार ही धाम के लिए रवाना होगी.
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बैठक में केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग ने कहा कि तहसील प्रशासन दो दिन के भीतर शासन द्वारा जारी गाइडलाइन को प्रस्तुत करे. इसके बाद ही भगवान केदारनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के धाम रवानगी को लेकर सहमति बन सकती है. वहीं तहसील प्रशासन ने कहा कि यदि भगवान केदारनाथ की डोली पैदल मार्ग से रवाना होती है, तो हक-हकूकधारियों व देवस्थानम बोर्ड को लिखित रूप में देना होगा कि शासन द्वारा जारी गाइडलाइन का किसी प्रकार उल्लघंन नहीं किया जायेगा. बैठक में निर्णय लिया गया कि भगवान केदारनाथ की डोली के साथ चलने वाले हक-हकूकधारियों व देव स्थानम बोर्ड के अधिकारी-कर्मचारियों की सैंपलिंग के साथ वैक्सीनेशन किया जाएगा.
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