रुद्रप्रयाग:विधानसभा चुनाव में जोर आजमाइश का दौर शुरू हो गया है. जनप्रतिनिधियों के साथ ही अन्य दलों के लोगों को पार्टी में शामिल करवाया जा रहा है. जिससे प्रत्याशी के पक्ष में माहौल बन सके और लोगों तक संदेश पहुंचे कि पार्टी की रीति व नीति के साथ ही प्रत्याशी की ईमानदारी को देखते हुए लोग शामिल हो रहे हैं.
मंगलवार को केदारनाथ विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में 37 जनप्रतिनिधियों के साथ ही अन्य दलों के लोगों ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. आयोजित कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों एवं अन्य लोगों को पार्टी में शामिल किया गया. इस अवसर पर पार्टी के पोस्टर व चुनावी प्रचार गीत का विमोचन भी किया गया. कार्यक्रम के मुख्य वक्ता जिला प्रभारी शैलेंद्र बिष्ट गढ़वाली ने पार्टी की रीति व नीति तथा विकास को लेकर सभा में उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया.
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अपने संबोधन में मुख्य वक्ता ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल केदारनाथ धाम का चहुमुखी विकास किया जा रहा है. दिव्य धाम का पुनर्निर्माण कर देश के प्रधानमंत्री ने विश्व स्तर पर अलग पहचान बनाने का प्रयास किया है. प्रधान अमित प्रदाली एवं विकास नौटियाल ने कहा कि भाजपा की रीति व नीतियों से प्रभावित होकर वे पार्टी में शामिल हुए हैं. देश के प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में प्रदेश का विकास तेजी से हो रहा है. युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कम समय में बेहतर कार्य किया है. उन्होंने कहा कि भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में जनता का माहौल बना हुआ है. इस बार केदारनाथ विधानसभा सीट से भाजपा की जीत पक्की है.
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केदारनाथ विधानसभा सीट की बात करें तो इस विधानसभा सीट पर कुल 13 प्रत्याशी चुनावी समर में है और 14 फरवरी को संपंन्न होने वाले राज्य के पांचवे विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. साथ ही चुनाव आयोग द्वारा 12 फरवरी शाम को चुनाव प्रचार पर विश्राम लगाने का फरमान भी जारी किया जा सकता है. ऐसे में प्रत्याशियों को मात्र 11 दिनों की अवधि में अपना चुनाव चिन्ह आम मतदाता तक पहुंचाना किसी चुनौती से कम नहीं है. विकासखंड ऊखीमठ की बात करें तो इस विकासखंड में आज भी तोषी, चिलौंड, स्यांसू, ब्यूंखी, जग्गी बगवान, बेडूला और गौंडार गांव यातायात से वंचित हैं और इतने कम समय में में इन गांवों के आम मतदाता तक अपना चुनाव चिन्ह पहुंचाने के साथ ही बूथ स्तर पर सेंधमारी करना सभी प्रत्याशियों के लिए चुनौती बनी हुई है.
निर्वाचन आयोग द्वारा सभी प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह आवंटन के बाद कार्यकर्ताओं द्वारा सभी गांवों में चुनाव चिन्ह पहुंचाने का अभियान जोर-शोर से शुरू हो गया है, मगर अब अल्प अवधि में कार्यकर्ताओ द्वारा यातायात से अछूते गांवों में प्रत्याशी का चुनाव चिन्ह आम मतदाता तक पहुंचाना अग्नि परीक्षा के समान है.