रुद्रप्रयाग:भेड़ पालकों की आराध्य देवी व मदमहेश्वर घाटी के राकेश्वरी मंदिर रांसी में विराजमान मनणामाई की लोकजात यात्रा का आगाज हो गया है. लोकजात यात्रा प्रथम रात्रि प्रवास के लिए सनियारा पहुंच गयी है तथा 23 जुलाई को लोकजात यात्रा मनणामाई धाम पहुंचेगी. 26 जुलाई को यात्रा के राकेश्वरी मन्दिर रांसी पहुंचने पर समापन होगा. मनणामाई लोकजात यात्रा के मनणा धाम पहुंचने तक कुछ अन्य श्रद्धालु भी लोकजात यात्रा में शामिल हो सकते हैं.
गुरुवार को मदमहेश्वर घाटी के राकेश्वरी मंदिर रांसी में विद्वान आचार्यों ने ब्रह्म बेला पर पंचाग पूजन के तहत भगवती राकेश्वरी, मनणामाई सहित तैतीस कोटि देवी-देवताओं का आह्वान किया तथा प्रातः 6 बजे मनणामाई की लोकजात यात्रा राकेश्वरी मन्दिर से पौराणिक परमपराओं व वेद ऋचाओं के साथ मनणा धाम के लिए रवाना हुई. भगवती मनणामाई लोकजात यात्रा के रांसी गांव से कैलाश गमन होने पर ग्रामीणों ने पुष्प अक्षत्रों से मनणामाई को कैलाश के लिए विदा किया तथा प्रथम रात्रि प्रवास के लिए मनणामाई की लोकजात यात्रा सनियारा पहुंच गयी है.
रांसी मंदिर से मनणामाई लोकजात यात्रा का आगाज. पढ़ें-हरिद्वार में जल पुलिस के साथ रियलिटी चेक, डूबते कांवड़ियों को ऐसे मिल रहा 'जीवनदान'
बता दें कि मनणामाई की लोकजात यात्रा शुक्रवार को द्वितीय रात्रि प्रवास के लिए थौली पहुंचेगी तथा शनिवार को मनणामाई की लोकजात यात्रा तृतीय रात्रि प्रवास के लिए मनणा धाम पहुंचेगी. रविवार को मनणा धाम में विशेष पूजा-अर्चना के बाद मनणामाई की लोकजात यात्रा रांसी गांव के लिए रवाना होगी तथा चौथे रात्रि प्रवास के लिए पुनः थौली पहुंचेगी. वहीं, सोमवार को मनणामाई की लोकजात यात्रा अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए सनियारा पहुंचेगी तथा मंगलवार को मनणामाई की लोकजात यात्रा के राकेश्वरी मंदिर रांसी गांव पहुंचने पर लोकजात यात्रा का समापन होगा.
मनणामाई के पुजारी मानवेन्द्र भट्ट ने बताया कि मनणामाई तीर्थ में मानव को मन इच्छा के अनुसार फल की प्राप्ति होती है तथा यह पावन तीर्थ रांसी गांव से लगभग 39 किमी दूर चौखम्बा की तलहटी में मदानी नदी के किनारे बसा है. बताया कि रांसी के ग्रामीणों द्वारा इस बार मनणामाई लोकजात यात्रा को भव्य रूप देने का निर्णय लिया गया था, मगर ऊंचाई वाले इलाकों में मूसलाधार बारिश होने तथा मदानी नदी का वेग उफान में आने के कारण मनणामाई लोकजात यात्रा सादगी से शुरू की गयी है.