रुद्रप्रयाग: देवभूमि उत्तराखंड में नदियों को मां का स्वरूप दिया गया है. यहां से ही मां गंगा, यमुना, अलकनंदा और मंदाकिनी नदी का उद्गम स्थल है. हर दिन नदियों की पूजा होती है, मगर इन नदियों को दूषित किये जाने का काम भी यहीं किया जा रहा है. केदारनाथ यात्रा के नाम पर मंदाकिनी नदी में जमकर गंदगी फेंकी जा रही है. हजारों टन कूड़े के साथ ही घोड़े-खच्चरों की लीद को नदी में खुलेआम डाला जा रहा है. नदी में गंदगी करने वाले लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.
केदारनाथ धाम से बहने वाली मंदाकिनी नदी धाम से बीस किमी दूर गौरीकुंड-सोनप्रयाग से ही दूषित की जा रही है. यहां नदियों में प्लास्टिक कचरे के अलावा अन्य कूड़े के साथ ही घोड़े-खच्चरों की लीद डाली जा रही है. केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव सोनप्रयाग में नदी किनारे घोड़े-खच्चर संचालकों ने कई घोड़े-खच्चर बांधे हुये हैं. इन घोड़े-खच्चरों की लीद के अलावा अन्य गंदगी को नदी किनारे एकत्रित किया गया है. घोड़े-खच्चरों के मल-मूत्र के साथ ही कचरे को एकत्रित किये जाने से क्षेत्र में दुर्गंध भी फैल रही है. जब केदारनाथ यात्रा मई-जून माह में अपने पीक पर थी तो उस दौरान भी धाम सहित पैदल मार्ग और अन्य बुग्यालों में भारी गंदगी की गई थी.
पढे़ं-अब स्वच्छ और सुंदर नजर आ रहा बाबा केदार का धाम, अब तक 40 क्विंटल प्लास्टिक कचरा एकत्रित