रुद्रप्रयाग: तुंगनाथ घाटी (Rudraprayag Tungnath Valley) के मैती गांवों में भ्रमण के बाद मां नंदा (Maa Nanda ) अपने ससुराल मक्कूमठ (Rudraprayag Makkumath) विदा हो गई हैं. इससे पूर्व रात्रि पहली बार ग्राम पंचायत सारी में भजन कीर्तनों की सांस्कृतिक संध्या का आयोजन भी किया गया. पर्यटन गांव सारी में ग्रामीणों की पहल पर पहली बार मां नंदा की स्तुति में भजन सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया. भजन गायिका आरती गुसाईं एवं जागर गायिका रामेश्वरी भट्ट ने भजन एवं जागरों से मां नंदा की स्तुति की.
मां नंदा की विदाई पर छलके श्रद्धालुओं के आंसू, फिर बुलाने का वादा कर मक्कूमठ किया रवाना
तुंगनाथ घाटी (Rudraprayag Tungnath Valley) के मैती गांवों में भ्रमण के बाद मां नंदा (Maa Nanda ) अपने ससुराल मक्कूमठ (Rudraprayag Makkumath) विदा हो गई हैं. जैसे-जैसे मां नंदा की विदाई की बेला करीब आती गई, सभी की आंखें नम होती गईं. शुभ मुहूर्त में मां नंदा की विदाई विधि विधान से की गई.
इसके साथ ही प्रावि एवं उच्च प्रावि सारी छात्रों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों (Rudraprayag Cultural Program) की प्रस्तुति दी. सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ करते हुए भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक आशा नौटियाल ने कहा कि ग्रामीणों की पहल पर पहली बार सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया. नंदा देवी मेला हमारी पौराणिक धरोहर है. भविष्य में इस मेले को वृहद रूप दिए जाने के प्रयास किए जाएंगे.
पढ़ें-केदारनाथ में अंधाधुंध निर्माण, बढ़ता कार्बन फुटप्रिंट बन रहा एवलॉन्च का कारण, वैज्ञानिकों ने जताई चिंता
सोमवार को सारी गांव में सर्वप्रथम मां नंदा की विशेष पूजा अर्चना कर भोग लगाया गया. जिसके बाद ढोल दमाऊं की थाप पर मां नंदा ने नर रूप में अवतरित होकर भक्तों अपना आशीर्वाद दिया तथा अपने ससुराल मक्कू के लिए रवाना हुई. मां नंदा का विदाई का क्षण हर किसी को भावुक कर गया. इस दौरान भावपूर्ण जागरों के साथ ग्रामीण मां नंदा को अपने गांव से दूर सीमा तक विदा करने गए तथा अगले वर्ष फिर बुलाने का वादा किया. इस अवसर पर ग्राम प्रधान मनोरमा देवी, सरपंच मुरली सिंह, क्षेपंस गणेश लाल, गजपाल सिंह भट्ट, पेमा सिंह, दिलवर सिंह, भरत सिंह, देवेन्द्र सिंह, रमेश नौटियाल, मनोज नेगी, विक्रम सिंह समेत ग्रामीण उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन उपेन्द्र भट्ट ने किया.