रुद्रप्रयाग: जिले के बच्छणस्यूं पट्टी क्षेत्र में गुलदार और भालू का आतंक (Leopard terror in Rudraprayag) बना हुआ है. जंगली जानवर रात के समय ग्रामीण इलाकों में घुसने के बाद गौशालाओं का दरवाजा तोड़कर मवेशियों को अपना निवाला बना रहे हैं, जिस कारण क्षेत्र की जनता में काफी भय बना हुआ है.
डांडा-पिपली गांव में गुलदार ने गौशाला का दरवाजा तोड़कर अंदर बंधी एक दूधारू पशु को अपना निवाला बनाया. पीड़ित ने इसकी सूचना वन विभाग को दे दी है. वहीं, क्षेत्रीय ग्रामीणों ने पीड़ित को उचित मुआवजा देने की मांग की है.
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बता दें कि बच्छणस्यूं क्षेत्र के पिपली गांव में गुलदार और भालू का आतंक बना हुआ है, जिससे ग्रामीणों में भय का माहौल बना हुआ है. ग्रामीण शाम ढलते ही घरों मे कैद हो रहे है. मध्य रात्रि में डांडा पिपली गांव की विधवा दुर्गा देवी के गौशाला में जर्सी दुधारू गाय और उसका बछड़ा बंधा था. गुलदार ने गौशाला का दरवाजा तोड़कर दुधारू गाय को बुरी तरीके से मार दिया, जिससे पीड़ित दुर्गा देवी को काफी दु:ख हुआ.
वहीं, संकरोड़ी गांव में भी गुलदार ने गुमान सिंह की गौशाला तोड़ने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीणों की आवाज सुनकर गुलदार वहां से भाग निकला. क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने इसकी सूचना वन विभाग को दे दी है. जिला पंचायत सदस्य नरेन्द्र बिष्ट और अगस्त्यमुनि ब्लॉक के कनिष्ठ प्रमुख शशि नेगी ने बताया कि दुर्गा देवी की दुधारू पशु को गुलदार ने मार गिराया. दूध बेचकर पीड़ित महिला अपना खर्चा चलाती थी, लेकिन अब उसके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. उन्होंने वन विभाग से पीड़ित महिला को उचित मुआवजा देने व जंगली जानवरों के आतंक से निजात दिलाने की मांग की है.