रुद्रप्रयागःसरकार भले ही सरकारी स्कूलों में बेहतर शिक्षा मुहैया कराने के लाख दावे करती हो, लेकिन धरातल पर जमीनी हकीकत ठीक उलट है. इसकी बानगी रुद्रप्रयाग जिले में देखने को मिल रही है. जहां पर ना तो पर्याप्त शिक्षक हैं ना ही प्रधानाचार्य. आलम तो देखिए एक शिक्षक के भरोसे जहां पूरा स्कूल छोड़ा गया है तो एक दर्जन से ज्यादा विद्यालयों का जिम्मा मात्र एक प्रधानाचार्य को सौंपा गया है. ऐसे में बच्चों का भविष्य किस तरह से सुधरेगा ? यह बड़ा सवाल है.
जिले के प्राथमिक और माध्यमिक से लेकर उच्च शिक्षा स्तर पर शिक्षकों का टोटा बना हुआ है. हालांकि, प्राथमिक स्तर पर किसी तरह विभागीय अधिकारी स्कूलों को गोद लेकर शिक्षा का स्तर सुधार रहे हैं, लेकिन माध्यमिक स्तर पर छात्रों का भविष्य गर्त में जाता नजर आ रहा है.
ये भी पढ़ेंःसरकार के खिलाफ आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने तानी मुट्ठी, मांगों को लेकर किया सीएम आवास कूच
जनपद में कुल 109 माध्यमिक विद्यालय हैं. जिसमें 81 राजकीय इंटर कॉलेज और 28 हाईस्कूल संचालित हो रहे हैं, लेकिन मात्र 44 में ही प्रधानाध्यापक एवं प्रधानाचार्य हैं. जबकि, 65 माध्यमिक विद्यालय बिना मुखिया के संचालित हो रहे हैं. जिला मुख्यालय के 108 स्वामी सच्चिदानंद राजकीय आदर्श इंटर कॉलज में भी तीन साल से प्रिंसिपल तैनात नहीं है.
इसके अलावा जीआईसी पीड़ा-धनपुर, बाड़ा, पित्रधार, खेड़ाखाल, टैठी, जवाड़ी, ग्वेफड़, खांकरा, राजकीय हाईस्कूल भुनका समेत 13 विद्यालयों का चार्ज राजकीय बालिका इंटर कॉलेज रुद्रपयाग की प्रधानाचार्या डॉ. ममता नौटियाल के पास है.