रुद्रप्रयाग:लगातार हो रही बारिश और गौरीकुंड में हुई भयावह त्रासदी का असर केदारनाथ यात्रा पर भी पड़ा है. केदारनाथ आने वाले यात्रियों की संख्या में भारी कमी आ गई है. चार से पांच सौ तक ही तीर्थ यात्री केदारनाथ पहुंच रहे हैं. आजकल केदारनाथ यात्रा का मुख्य पड़ाव सोनप्रयाग बाजार बिल्कुल खाली नजर आ रहा है. वहीं, दूसरी ओर तृतीय केदार तुंगनाथ धाम में आजकल भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है. अब तक 60 हजार भक्त तुंगनाथ पहुंच चुके हैं.
सुन पड़ा है सोनप्रयाग बाजार: पिछले एक महीने से पहाड़ों में बारिश और भूस्खलन का दौर जारी है. बारिश और भूस्खलन का सबसे बुरा असर केदारनाथ यात्रा पर पड़ा है. बीते तीन दिन पहले गौरीकुंड में मची त्रासदी के बाद हालात और भी खराब हो गये हैं. कहीं न कहीं यात्रियों के मन में एक बार फिर से आपदा का खौफ पैदा हो गया हैं. गौरीकुंड आपदा में अभी भी बीस लोग लापता चल रहे हैं. लगातार छह टीमों की ओर से रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है. इस घटना के बाद केदारनाथ यात्रा का मुख्य पड़ाव सोनप्रयाग बाजार इन दिनों खाली पड़ा है.
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सोनप्रयाग के होटल-लाॅज खाली: सोनप्रयाग बाजार में दूर-दूर तक यात्री नहीं दिखाई दे रहे हैं. यात्रा जब पीक पर होती है तो यहां दो से तीन किमी तक धाम जाने के लिये भक्तों की लाइन लगी रहती है, लेकिन इन दिनों बाजार विरान है. होटल-लाॅज भी खाली पड़े हैं. यात्रियों के न पहुंचने से स्थानीय लोगों का रोजगार भी प्रभावित हो रहा है. अभी तक 11 लाख 80 हजार के करीब तीर्थ यात्री केदारनाथ धाम के दर्शन कर चुके हैं. व्यापार संघ अध्यक्ष सोनप्रयाग अंकित गैरोला एवं गौरीकुंड रामचन्द्र गोस्वामी ने कहा लगातार हो रही बारिश के कारण केदारनाथ यात्रा पर बुरा असर पड़ा है.
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तुंगनाथ पहुंचे रिकॉर्ड तोड़ यात्री:सावन महीने के चौथे सोमवार को तृतीय केदार तुंगनाथ धाम में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भगवान शंकर के स्वयंभू लिंग पर जलाभिषेक कर विश्व समृद्धि की कामना की. मूसलाधार बारिश के बावजूद भी एक हजार के करीब तीर्थ यात्रियों के तुंगनाथ धाम में पूजा-अर्चना व जलाभिषेक कर मनौती मांगी. अभी तक तुंगनाथ धाम में 60 हजार से अधिक तीर्थ यात्री पहुंच चुके हैं, जो कि उत्तराखण्ड राज्य गठन के बाद सबसे बड़ा रिकॉर्ड है. बता दें 26 अप्रैल को भगवान तुंगनाथ के कपाट खुले थे. इसके बाद से ही धाम में रिकार्ड तोड़ यात्री पहुंच रहे हैं. जिससे मन्दिर समिति की आय में वृद्धि हो रही है. साथ ही तुंगनाथ घाटी के तीर्थाटन-पर्यटन व्यवसाय में भी इजाफा हुआ है.