रुद्रप्रयाग: केदारनाध धाम (Kedarnath Dham) के कपाट आज सुबह (6 मई) पूरे विधि-विधान के साथ भक्तों के लिए खुल गए (doors of Kedarnath Dham opened) हैं. पहले ही दिन करीब 20 हजार श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन के लिए धाम पहुंचे, लेकिन केदारनाथ धाम की यात्रा शुरू होने के बाद भी केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग के मुख्य पड़ाव गौरीकुंड में गंदगी का अंबार लगना शुरू हो गया है. गौरीकुंड में अभीतक शौचालयों की भी समुचित व्यवस्था नहीं हो पाई है. ऐसे में श्रद्धालुओं को काफी दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है.
इसके अलावा घोड़े-खच्चरों की लीद से पैदल मार्ग पर गंदगी फैली हुई है. इस गंदगी से तीर्थयात्रियों के साथ ही स्थानीय लोग भी परेशान हैं. वहीं सोनप्रयाग से गौरीकुण्ड तक मार्ग संकरा होने से जाम की समस्या से यात्रियों को दो-चार होना पड़ रहा है. इसके अलावा यात्रा सीजन में गौरीकुंड में पेयजल की किल्लत भी बनी रहती है. केदारनाथ की यात्रा शुरू होने के बाद भी गौरीकुंड में श्रद्धालुओं को बेसिक सुविधाओं से भी महरूम होने पड़ रहा है, जिससे व्यापारियों ने भी प्रशासन के खिलाफ आक्रोश बना हुआ है. पढ़ें-चारधाम यात्रा: खुल गए केदारनाथ के कपाट, PM मोदी के नाम की हुई पहली पूजा, CM धामी रहे मौजूद
गौरीकुंड व्यापार संघ के अध्यक्ष अरविंद गोस्वामी और पूर्व प्रधान मायाराम गोस्वामी ने कहा कि केदारनाथ धाम के कपाट खुले चुके हैं. पहले दिन बड़ी संख्या में तीर्थयात्री गौरीकुंड होते हुए केदारनाथ धाम पहुंचे हैं. बावजूद इसके गौरीकुंड में शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. मुख्य बस स्टेशन गौरीकुंड तक में शौचालय नहीं है. यात्री यहां-वहां शौच कर रहे हैं, जिस कारण स्टेशन में दुर्गन्ध फैल गई है.
उन्होंने कहा कि गौरीकुंड पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों की लीद को साफ नहीं किया जा रहा है, जिससे पैदल मार्ग पर गंदगी फैल गई है और यात्रियों को मुंह में रुमाल रखकर जाना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि यात्रा के शुरूआत में ही अव्यवस्थाएं फैली होने से तीर्थयात्री खासे परेशान हैं. प्रशासन को समय रहते यात्रा व्यवस्थाओं को दुरुस्त करना चाहिए, अन्यथा तीर्थयात्री यहां से अच्छा संदेश लेकर नहीं जायेंगे. प्रशासन के सभी दावे धरातल पर फेल साबित हो रहे हैं.
वहीं, रुद्रप्रयाग जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि गौरीकुंड सहित अन्य यात्रा पड़ावों में शौचालय की कमी को पूरा कर लिया गया है. इसके अलावा लाइट की व्यवस्था को भी दुरुस्त कर लिया गया. श्रद्धालुओं को धाम और यात्रा मार्ग पर सभी बेसिक सुविधाएं मिलेंगी. प्रशासन की पूरी कोशिश है कि श्रद्धालुओं की किसी भी तरह की समस्याओं का सामना न करना पड़े.