रुद्रप्रयाग:प्रदेश के पर्वतीय जिलों में बीते दो-तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है. ऐसे में रुद्रप्रयाग में हो रही बारिश के कारण केदारनाथ हाईवे भूस्खलन के कारण देर रात से बंद है. गंगतल के पास रुक-रुककर भूस्खलन हो रहा है. जिसके कारण मलबा और बोल्डर सड़क पर गिर रहे हैं. वहीं, मौके पर पहुंचे विभाग कर्मचारी भी जेसीबी मशीन की मदद से मलबे को हटाने में जुटे. जिसके बाद 10 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद मार्ग को खोला गया.
आपको बता दें कि, पहाड़ों पर हो रही मूसलाधार बारिश से जहां जनजीवन अस्त व्यस्त है, तो वहीं नदी-नाले भी उफान पर हैं. रुद्रप्रयाग में भी लगातार बारिश का दौर जारी है. रुद्रप्रयाग में हो रही बारिश के कारण केदारनाथ हाईवे पर पहाड़ी से गिरे मलबे और बोल्डर के कारण गंगतल में पास मार्ग बाधित हो गया है. इस दौरान दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई. जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लोक निर्माण विभाग की ओर से जेसीबी मशीन की मदद से मलबे को हटाने का काम किया जा रहा है.
10 घंटे बाद खुला केदारनाथ हाईवे. पढ़ें:प्रदेश में 7 सालों में हुआ 1241 सड़कों का निर्माण, आरटीआई में हुआ खुलासा
वहीं, बीते दिन ऋषिकेश-बदरीनाथ राजमार्ग भी बाधित था. जिसे यातायत के लिए खोल दिया गया है. हालांकि, मौसम विभाग ने आज से 25 जुलाई तक भारी से बहुत भारी बारिश होने की चेतावनी दी है. ऐसे में आने वाले दिन और भी कठिन हो सकते हैं.
वहीं, हाईवे के जगह-जगह कीचड़ में तब्दील होने से वाहन चालकों को जान हथेली पर रखकर सफर करना पड़ रहा है. शुक्रवार को गंगतल महोदव मंदिर के पास बंद हाईवे को दस घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद खोला गया. केदारनाथ हाईवे की स्थिति बद से बदतर बनी हुई है. हाईवे पर सफर करना किसी खतरे से खाली नहीं है. हाईवे पर जगह-जगह मलबा आने के साथ ही राजमार्ग कीचड़ में तब्दील हो गया है.
शुक्रवार को हाईवे के गंगतल महादेव मंदिर के पास पहाड़ी से बड़ी तादात में मलबा और बोल्डर आ गया, जिस कारण हाईवे बंद हो गया. हाईवे के बंद होने के बाद भी राष्ट्रीय राजमार्ग लोक निर्माण विभाग चैन की नींद सोया रहा. हाईवे पर फंसे लोगों ने पुलिस को सूचना दी. जिसके तीन घंटे बाद मशीन मौके पर पहुंची, लेकिन एक कटर मशीन और जेबीसी के भरोसे राजमार्ग खोलने का प्रयास किया गया. जिस कारण राजमार्ग को खोलने में और देरी हुई.
राजमार्ग पर भारी मलबा आने के कारण प्रशासन की ओर से रूट को डायवर्ट कर लोगों को तिलवाड़ा-बैंजी-अगस्त्यमुनि मार्ग से भेजा गया. लेकिन इस मार्ग पर भी चीड़ का पेड़ गिरने से लिंक मार्ग बंद हो गया. राजमार्ग और लिंक मार्ग के बंद होने से लोगों को भारी परेशानियां का सामना करना पड़ा. करीब दस घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद राजमार्ग को खोल दिया गया, लेकिन अभी भी पहाड़ी से राजमार्ग पर बोल्डर और मलबा गिर रहा है, जिससे लग रहा है कि राजमार्ग पुनः बंद हो जायेगा.
राजमार्ग पर फंसे लोगों का कहना था कि बरसाती सीजन चल रहा है, लेकिन प्रशासन और विभागीय अधिकारी चैन की नींद सोये हुए हैं. राजमार्ग बंद होने पर शीघ्र गति से खोलने के कोई प्रयास नहीं किये जा रहे हैं. विभाग को सूचना देने के कई घंटों बाद मौके पर मशीन भेजी जा रही है. भारी भरकम मलबा राजमार्ग पर आ रहा है और विभाग की ओर से जेसीबी मशीन का प्रयोग किया जा रहा है. ऑल वेदर का कार्य राजमार्ग पर चल रहा है, जिस कारण आज ये स्थिति हो रही है. राजमार्ग के कई जगहों पर डेंजर जोन उभर आये हैं, जो हल्की सी बरसात होने पर परेशानी पैदा कर रहे हैं. ऐसे में प्रशासन को पोकलैंड मशीन की मदद से राजमार्ग को खोलना चाहिए और शीघ्रता से कार्रवाई करनी चाहिए.