रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम में देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ तीर्थ पुरोहित समाज का आंदोलन जारी है. बता दें कि दो महीने से केदारनाथ धाम में पुरोहित देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग करते आ रहे हैं. आज भी बारिश में छाता लेकर तीर्थ पुरोहितों ने सरकार के खिलाफ रैली निकाली.
देवस्थानम बोर्ड का गठन होने से पूर्व केदारनाथ मंदिर का संचालन बदरी केदार मंदिर समिति करती थी. केदारनाथ की सभी व्यवस्थाएं मंदिर समिति ही देखती थी. सरकार और प्रशासन मंदिर समिति के कार्यों में कम ही हस्तक्षेप करती थी, लेकिन बोर्ड गठन होने के बाद केदारनाथ धाम की सभी व्यवथाएं सरकार और प्रशासन के अधीन आ गयी. बदरी-केदार मंदिर समिति के सभी अधिकारी-कर्मचारियों को बोर्ड में रखा गया है.
देवस्थानम बोर्ड के विरोध में केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित लगातार आंदोलन कर रहे हैं. अब इस आंदोलन में पुरोहितों के परिजन भी कूद गए हैं. पुरोहितों के गांवों में भी देवस्थानम बोर्ड का विरोध किया जा रहा है. बोर्ड के विरोध में पुरोहित कोर्ट की भी शरण ले चुके हैं, लेकिन कोर्ट से भी पुरोहितों को कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला.
जिसके बाद से केदारनाथ धाम सहित बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के तीर्थ पुरोहितों का आंदोलन जारी है. तीर्थ पुरोहित कई बार मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्रियों से मुलाकात करके बोर्ड को भंग करने की मांग कर चुके हैं, लेकिन बोर्ड भंग होने के बजाय बोर्ड का विस्तारीकरण किया जा रहा है. जिसको देखते हुए अब पुरोहितों का आंदोलन उग्र होता जा रहा है.
तीर्थ पुरोहित सुमंत तिवारी ने कहा कि अब बोर्ड के विरोध को लेकर केदारनाथ धाम में आमरण अनशन किया जाएगा. सरकार पुरोहितों की मांग पर अमल नहीं कर रही है. जिस कारण पुरोहितों में आक्रोश है. बोर्ड का गठन होने से उनके हक-हकूक प्रभावित हो रहे हैं. धाम में वह दशकों से बाबा की सेवा करते आ रहे हैं, लेकिन अब उन्हे सेवा से वंचित रहना पड़ रहा है. सरकार बोर्ड के जरिये मंदिरों की आय को हड़पना चाहती है.