रुद्रप्रयाग: शीतकाल के लिए बंद हुए केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि महाशिवरात्रि (21 फरवरी) के मौके पर घोषित होगी. वहीं यात्रा को देखते हुए जिला प्रशासन ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. डीएम मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि केदारनाथ धाम में नवंबर, दिसंबर और जनवरी माह में जमकर बर्फबारी हुई है, जिसकी वजह से बिजली के खंभों और पेयजल लाइनों को नुकसान हुआ है. जिलाधिकारी के मुताबिक 10 से अधिक बिजली खंभों को नुकसान हुआ है.
डीएम ने कहा कि जिला प्रशासन की पहली प्राथमिकता बिजली और पानी की आपूर्ति ठीक करने की होगी. यात्रा रास्ते में हुए लैंडस्लाइड को जिला प्रशासन की टीम हटाएगी. यात्रा के मद्देनजर पिछले साल बनाए गए अतिथि गृहों में हल्का नुकसान हुआ है, जिनको ठीक किया जाएगा.
धाम में बर्फबारी से हुआ है काफी नुकसान. बर्फ कम होनी की स्थिति में यह साफ हो पाएगा कि किस विभाग का कितना नुकसान हुआ है. केदारनाथ धाम में अभी भी 5 फीट तक बर्फ है. जिला प्रशासन की एक एडवांस टीम 21 फरवरी को केदारनाथ धाम जाएगी और पैदल मार्ग से बर्फ हटाने का काम शुरू करेगी. प्रशासन का दावा है कि केदारनाथ धाम में अप्रैल प्रथम सप्ताह तक जरूरी व्यवस्थाओं को ठीक कर लिया जाएगा.
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महाशिवरात्रि के मौके पर कल 21 फरवरी को केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि घोषित होगी. ऐसे में अब 2 माह के भीतर व्यवस्थाओं को ठीक करना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होगी. जिला प्रशासन का मकसद है कि यात्रियों को समय पर सभी प्रकार की सुविधाएं मिल सकें.