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शीतकाल के लिए बंद हुए बाबा केदार के कपाट, ओंकारेश्वर मंदिर के लिये डोली रवाना

भैयादूज पर्व पर आज केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए. वहीं यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए अभिजीत मुहूर्त में दोपहर सवा बारह बजे बंद कर दिए गए.

शीतकाल के लिए बंद हुए बाबा केदारनाथ के कपाट.

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Published : Oct 29, 2019, 6:10 AM IST

Updated : Oct 29, 2019, 7:14 PM IST

रुद्रप्रयाग/उत्तरकाशीःभैयादूज पर्व पर आज केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए. कपाट लग्नानुसार सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर बंद कर दिए गए. वहीं यमनोत्री धाम के कपाट दोपहर 12:25 बजे बंद हो गए हैं. बाबा केदार की हिमालय से विदाई करने के लिए हजारों श्रद्धालु केदारनाथ पहुंचे. इस मौके पर भक्तों ने विधि-विधान से बाबा केदार की पूजा अर्चना की. वहीं यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए अभिजीत मुहूर्त में दोपहर सवा बारह बजे बंद कर दिए गए.

भक्त बाबा की डोली की पैदल यात्रा में शीतकालीन गद्दीस्थल तक साथ जाएंगे. बीकेटीसी द्वारा कपाट बंद करने की सभी तैयारियां की गईं. बाबा के स्वयंभू ज्योतिर्लिंग को समाधि रूप देकर भस्म से ढक दिया गया. इस मौके पर पंचमुखी भोग मूर्ति का श्रृंगार करते हुए चल विग्रह उत्सव डोली में विराजमान किया गया. इससे पहले भगवान केदारनाथ की पंचमुखी मूर्ति को डोली में विराजमान कर मंदिर परिसर में भक्तों के दर्शनार्थ रखा गया.

शीतकाल के लिए बंद हुए बाबा केदारनाथ के कपाट.

बाबा केदार की हिमालय से विदाई करने के लिए हजारों श्रद्धालु केदारनाथ पहुंचे, जो बाबा की डोली की पैदल यात्रा में शीतकालीन गद्दीस्थल तक साथ चलेंगे. कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली हिमालय से रवाना होकर अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान होगी.

शीतकाल के लिए बंद हुए बाबा केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट.

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वहीं, यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए अभिजीत मुहूर्त में दोपहर सवा बारह बजे बंद कर दिए गए. जिसके बाद पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ शनिदेव की डोली की अगुवाई में मां यमुना की उत्सव डोली यमुनोत्री से खुशीमठ के लिए रवाना हो रही है.

Last Updated : Oct 29, 2019, 7:14 PM IST

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