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रुद्रप्रयाग: तकनीकी संस्थानों की बंदी के खिलाफ जन अधिकार मंच ने दिया धरना - जन अधिकार मंच ने दिया धरना

तकनीकी संस्थानों को बंद करने के खिलाफ जन अधिकार मंच ने जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना दिया. इस दौरान जन अधिकार मंच ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर कार्रवाई की मांग की है.

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तकनीकी संस्थानों को बंद करने के खिलाफ जन अधिकार मंच ने DM ऑफिस पर दिया धरना

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Published : Jul 14, 2020, 9:34 AM IST

Updated : Jul 14, 2020, 12:29 PM IST

रुद्रप्रयाग:जिले में तकनीकी और व्यावसायिक संस्थानों को बंद करने सहित जिले की ज्वलंत समस्याओं को लेकर जन अधिकार मंच ने जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना दिया. मंच ने एक महीने के अंदर विभिन्न मांगों पर कार्रवाई न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है. इस दौरान मंच ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर कार्रवाई की मांग की है.

तकनीकी संस्थानों की बंदी के खिलाफ जन अधिकार मंच ने दिया धरना

जन अधिकार मंच के अध्यक्ष मोहित डिमरी और महामंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि सरकार लगातार तकनीकी संस्थानों को बंद कर रही है. जिले में आईटीआई चिरबिटिया, अगस्त्यमुनि और बसुकेदार पर बंद कर दिए गए हैं. इसके साथ ही राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थान जखोली और चोपता पर भी बंदी की तलवार लटक गई है. ऐसे रोजगार परक संस्थानों को बंदे होने से बचाया जाना बहुत जरूरी है.

उन्होंने कहा कि पर्वतीय कृषि महाविद्यालय चिरबिटिया के आधे-अधूरे भवन के निर्माण का कार्य पूरा किया जाए. इसका विधिवत संचालन टिहरी के बजाय रुद्रप्रयाग जनपद से ही किया जाय. इसके अलावा रुद्रप्रयाग महाविद्यालय के आधे-अधूरे भवन का निर्माण कार्य जल्द पूरा किया जाय. रुद्रप्रयाग महाविद्यालय में एमए और जखोली में विज्ञान संकाय की स्थापना की जाए.

मंच के संस्थापक सदस्य रमेश पहाड़ी, केपी ढौंडियाल, मगनानंद भट्ट ने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थान बंद नहीं होने चाहिए. सरकार पर तकनीकी संस्थानों, महाविद्यालय के भवनों के निर्माण के लिए दबाव बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण शहरों से आए हुए प्रवासियों को उनके कौशल और रुचि के अनुसार कारगर स्वरोजगार की व्यवस्था की जाय. पहाड़ के ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि काश्तकार सुअर और बंदरों के द्वारा किए जा रहे नुकसान से त्रस्त हैं. जिससे काश्तकार अपनी खेती-किसानी नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में उसका मनोबल गिर रहा है. बंदर और सुअरों से निजात पाने के लिए प्रत्येक गांव की खेती को तारबाड़ से सुरक्षित किया जाए. साथ ही क्षतिग्रस्त नहर-गूलों की मरम्मत करवाई जाए जहां आवश्यकता है वहां नई नहर बनाई जाए. ताकि समुचित सिंचाई की व्यवस्था हो सके.

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सह कोषाध्यक्ष कृष्णानंद डिमरी, भगत चौहान और वीरेंद्र नेगी ने कहा कि पट्टी भरदार तथा पट्टी सिलगढ़ में लंबे समय से भरदार पेयजल योजना और तैला सिलगढ़व पेयजल योजना में फेज-टू स्तर का कार्य लंबित पड़ा हुआ है. इस पर अविलंब निर्माण कार्य शुरू होना चाहिए. जनहित में अविलंब धनराशि अवमुक्त करते हुए योजना शुरू की जाए, साथ ही रुद्रप्रयाग नगर और सुमाड़ी भरदार में पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं है.

Last Updated : Jul 14, 2020, 12:29 PM IST

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