रुद्रप्रयाग: केदारघाटी के देवाधिदेव जाख देवता के दहकते अंगारों पर नृत्य के साथ ही प्रसिद्ध जाख मेला संपन्न हुआ. इस दौरान हजारों भक्तों ने भगवान यक्ष का आशीर्वाद ग्रहणकर सुख-समृद्धि की कामना की. जाख देवता के दहकते अंगारों पर नृत्य करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. मेला सांस्कृतिक एवं धार्मिक परंपराओं से जुड़े होने के कारण यहां हर साल सैकड़ों की संख्या में भक्त जाख राजा के दर्शन के लिए आते हैं. जाख मेले को देखने के लिए बॉलीवुड अभिनेता हेमंत पांडे भी पहुंचे.
बैसाखी के दूसरे दिन गुप्तकाशी से पांच किलोमीटर दूर जाखधार में जाख मेले का आयोजन होता है. जाख मेले में देवशाल, कोठेड़ा, नारायनकोटी के ग्रामीण शामिल होते हैं. इसके अलावा रुद्रपुर, बणसू, देवर, सांकरी, ह्यूण, नाला, गुप्तकाशी, गढ़तरा, सेमी, भैंसारी समेत कई गांवों के ग्रामीण मेले को सफल बनाने में सहयोग करते हैं. मेला शुरू होने से दो दिन पूर्व कोठेड़ा एवं नारायणकोटी के भक्तजन पौराणिक परंपरानुसार नंगे पांव जंगल में जाकर लकड़ियां एकत्रित कर जाख मंदिर में लाते हैं.
जाख मंदिर में कई टन लकड़ियों से अग्निकुंड तैयार किया जाता है. एक दिन पहले रात में अग्निकुंड व मंदिर की पूजा करने के बाद अग्निकुंड में रखी लकड़ियों पर अग्नि प्रज्वलित की जाती है. यहां पर नारायणकोटी एवं कोठेड़ा के ग्रामीण रातभर जागरण करते हैं. दूसरे दिन जाखराजा के पश्वात इन्हीं धधकते अंगारों पर नृत्य करते हैं. इस दृश्य को देखते के लिए दूर-दूर से भक्तजन बड़ी संख्या में पहुंचते हैं. गुरुवार को जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से लगभग 35 किमी दूरी पर स्थित जाखधार में जाख मेला हर्षोउल्लास के साथ संपन्न हुआ.