रुद्रप्रयाग:पर्यावरणविद जगत सिंह जंगली का मिश्रित जंगल स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के क्षेत्र में मिसाल कायम कर रहा है. यहां रिंगाल की झाड़ियां उगी हैं, जो रानीगढ़ क्षेत्र के हस्तशिल्पियों के लिए आजीविका का साधन बन रही हैं. ऐसे में जहां लोगों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मिल रहा है. वहीं रिंगाल के जंगल में आग लगने की कोई आशंका नहीं रहती है. कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच घर लौट रहे युवाओं के लिए रिंगाल एक रोजगार का जरिया बन सकता है.
अगस्त्यमुनि ब्लॉक के रानीगढ़ पट्टी के ग्राम पंचायत कोट मल्ला गांव निवासी पर्यावरणविद, विशेषज्ञ सदस्य राष्ट्रीय वनीकरण एवं पर्यावरण विकास बोर्ड भारत सरकार जगत सिंह जंगली अपने मिश्रित जंगल को आमजन से जोड़कर संरक्षण की मिसाल पेश कर रहे हैं. जंगली ने चालीस वर्ष पहले गांव की बंजर भूमि पर मिश्रित वन की स्थापना की थी. आज ये वन स्थानीय लोगों की आजीविका का साधन भी बन रहा है. जंगल का मिश्रित वन पर्यावरण के लिए भी काफी लाभदायक है.
जंगलों को आग से बचाएगी रिंगाल
जहां जिले के विभिन्न इलाकों में आग के कारण जंगल राख हो रहे हैं, वहीं जंगली का मिश्रित वन आग की लपटों से कोसों दूर है. इस जंगल में कभी भी आग नहीं लगती है, जो जंगली की मेहनत का ही नतीजा है. जंगली ने अपनी मेहनत की बदौलत एक हरा भरा जंगल तैयार किया है, जो अन्य लोगों के लिए प्रेरणादायक है.
इस जंगल में विदेशों से भी पर्यटक आते हैं और जंगल की तारीफ किये बिना रह नहीं पाते. अब जंगली की मेहनत से लोगों को रोजगार मिलने के साथ ही उनकी आजीविका भी सुदृढ़ हो रही है. यहां उगने वाला रिंगाल कई स्थानीय परिवारों को रोजगार भी दे रहा है. मिश्रित जंगल में रिंगाल की तीन सौ से ज्यादा झाड़ियां हैं, जिनका चरणबद्ध तरीके से डेढ़ से दो वर्ष में कटान हो रहा है.
इस साल निकली 8 क्विंटल रिंगाल
कुछ दिन पूर्व ही गांव के हस्तशिल्पियों ने झाड़ियों से आठ कुंतल रिंगाल निकाली है. इस रिंगाल से इन लोगों की ओर से टोकरी, डाली, छापड़ी, सूप, हथकंडी, अनाज रखने के लिए कंटेनर्स (कुन्ना), कंडी, पैनदान, फूलदान, टी-ट्रे, कूड़ादान, मैट सहित कई उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं. हस्तशिल्पियों का कहना है कि बीते चार वर्षों से उन्हें मिश्रित जंगल से ही जरूरत के हिसाब से पर्याप्त रिंगाल मिल रहा है.
देश में कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन लगना शुरू हो गया है. इस कारण जिले के युवा घर लौट रहे हैं. रानीगढ़ पट्टी के युवाओं के लिए सुनहरा मौका है कि वे जंगली के मिश्रित वन में जाकर रोजगार की संभावनाओं की तलाश करें.