रुद्रप्रयाग: भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में गुरुवार 13 मई देर शाम को भैरव पूजन के साथ ही केदारनाथ यात्रा का आगाज हो जायेगा. भैरवनाथ को केदार पुरी का क्षेत्र रक्षक भी कहा जाता है. हर साल केदारनाथ धाम के कपाट खुलने और पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर से केदारनाथ रवाना होने से पहले केदार पुरी के क्षेत्र रक्षक भैरवनाथ की पूजा की जाती है.
इसी परम्परा को जीवित रखते हुए 13 मई को केदार पुरी के क्षेत्र रक्षक भैरवनाथ की पूजा सादगी से की जायेगी. लोक मान्यताओं के अनुसार भैरवनाथ को केदार पुरी का क्षेत्र रक्षक माना जाता है. भगवान केदारनाथ के कपाट बंद होने के बाद भैरवनाथ भी शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान हो जाते हैं. सदियों से चली आ रही परम्परा के अनुसार भगवान केदारनाथ के कपाट खुलने और पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर से हिमालय रवाना होने से पूर्व भैरवनाथ पूजन किया जाता है.
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