उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

घोड़ा-खच्चर संचालकों ने केदारनाथ हाईवे किया जाम, मांग रहे रोजगार, लगाया भेदभाव का आरोप

केदारनाथ यात्रा में रोजगार के लिए अन्य जिलों से रुद्रप्रयाग पहुंचे घोड़ा-खच्चर संचालकों ने केदारनाथ हाईवे को जाम कर दिया. दरअसल, इस बार पैदल यात्रा मार्ग पर रुद्रप्रयाग जनपद के अलावा अन्य जनपदों के घोड़ा-खच्चर संचालकों को अनुमति नहीं मिली है. रोजगार न मिलने से कुछ संचालक को बोरिया बिस्तर बांधकर वापस लौट गए हैं जबकि कुछ नाराज संचालकों ने केदारनाथ हाईवे को जाम कर दिया है. उनका कहना है दूसरे जिलों के संचालकों के साथ भेदभाव किया जा रहा है.

Kedarnath Highway blocked
Kedarnath Highway blocked

By

Published : May 11, 2023, 8:16 PM IST

Updated : May 12, 2023, 6:54 AM IST

घोड़ा-खच्चर संचालकों ने केदारनाथ हाईवे किया जाम

रुद्रप्रयाग:यात्रा में रोजगार के लिए उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों से अपने घोड़े-खच्चर लेकर केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर आए लोगों ने केदारनाथ हाईवे पर जाम लगा दिया. दरअसल, इन संचालकों को इस साल केदारनाथ यात्रा में घोड़ा-खच्चर संचालन की अनुमति नहीं मिली है, जिसके बाद नाराज संचालकों ने सोनप्रयाग में केदारनाथ हाईवे पर चक्काजाम कर दिया.

घोड़ा-खच्चर संचालकों का कहना है कि वो पिछले वर्षों की तरह इस वर्ष भी रोजगार करने के लिए यहां पहुंचे हैं, लेकिन इस बार सिर्फ रुद्रप्रयाग जनपद के घोड़े-खच्चर संचालकों को अनुमति दी गई है, जिस कारण वो बेरोजगार हो गए हैं और उनके सामने रोजी-रोटी का संकट गहरा गया है. बता दें कि, दवाब के चलते केदानाथ पैदल मार्ग पर चमोली और उत्तरकाशी के लोगों को भी घोड़ा-खच्चर संचालन की अनुमति दी गई है, लेकिन अन्य जनपद के लोगों को अनुमति नहीं मिली है.

दरअसल, केदारनाथ धाम आने वाले अधिकतर यात्री पैदल मार्ग से यात्रा करते हैं. कई यात्री घोड़ा-खच्चर के जरिए केदारनाथ धाम की चढ़ाई को पार करते हैं. केदारनाथ धाम सहित पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों से ही सामान की ढुलाई होती है. पिछले वर्ष तक पैदल मार्ग पर आठ से दस हजार के बीच घोड़े-खच्चरों का लाइसेंस बनता था, लेकिन इस बार की यात्रा में सिर्फ पांच हजार घोड़े-खच्चरों के लाइसेंस बने हैं.
पढ़ें-Kedarnath Yatra: 16 दिनों में यात्रा मार्ग में सेवा दे रहे 16 घोड़े-खच्चरों की मौत, 100 संचालकों का चालान, तीन पर FIR

पिछले वर्ष तक उत्तराखंड के अन्य जनपदों के घोड़ा-खच्चर संचालकों को भी पैदल मार्ग पर अनुमति मिलती थी, लेकिन इस बार उनके संचालन पर रोक लगाई गई है. दरअसल, पिछले वर्ष ज्यादा घोड़े खच्चरों के संचालन से यात्रा मार्ग पर अव्यवस्थाएं फैल गई थीं और 350 से ज्यादा घोड़े खच्चरों की मौत हो गई थी. ऐसे में इस बार जिला प्रशासन की ओर से 5000 से अधिक घोड़े खतरों की अनुमति नहीं दी जा रही है.

उधर, रोजगार को लेकर अन्य जनपदों के करीब डेढ़ हजार लोग अपने घोड़ा-खच्चर लेकर केदारघाटी पहुंचे हैं. यहां चमोली, टिहरी, पौड़ी, बागेश्वर आदि जनपदों के लोग पहुंचे हैं. ये लोग कई दिनों तक घोड़ा-खच्चर संचालन की अनुमति मिलने का इंतजार करते रहे, लेकिन जब अनुमति नहीं मिली तो कुछ लोग मायूस होकर केदारघाटी से अपने घरों के लिए लौट गए जबकि कुछ संचालकों ने विरोध जताते हुए केदारनाथ यात्रा के सबसे अहम पड़ाव सोनप्रयाग में केदारनाथ हाईवे पर चक्काजाम लगा दिया.
पढ़ें-केदारनाथ में YouTubers और पुलिस के बीच बहस, DGP की वॉर्निंग- पॉपुलेरिटी के लिए कुछ लोग पुलिस को दिखा रहे नेगेटिव, होंगे अरेस्ट

घोड़े-खच्चर संचालकों का आरोप है कि उन्हें रोजगार करने से वंचित किया जा रहा है. जरूरत होने के बाद भी उन्हें घोड़े-खच्चर संचालन की अनुमति नहीं दी जा रही है. वो कई दिनों से भूखे-प्यासे अनुमति मिलने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अनुमति नहीं मिल रही है. उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है.

घोड़ा-खच्चर संचालक मनोज, धीरज, सूरज बताते हैं कि वो अलग-अलग जनपदों से घोड़े-खच्चर लेकर यहां पहुंचे हैं. प्रशासन की ओर से उन्हें कुछ दिन इंतजार करने को कहा गया, लेकिन हर दिन एक नया बहाना बनाकर प्रशासन घोड़े-खच्चर संचालकों को बेवकूफ बना रहा है. ऐसे में संचालकों में आक्रोश बन गया है. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगों पर अमल नहीं किया जाता, तब तक वो हर दिन सोनप्रयाग बाजार में आकर प्रशासन के खिलाफ धरना देंगे. वहीं, संचालकों की नाराजगी को देखते हुए फिलहाल संचालकों की प्रशासन के साथ वार्ता चल रही है.

Last Updated : May 12, 2023, 6:54 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details