रुद्रप्रयाग: गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर एक हादसे में घोड़ा संचालक की मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि भैरव गदेरे के पास पहाड़ी से गिरे एक पत्थर की चपेट में आने से घोड़ा संचालक मनीष की घटनास्थल पर ही मौत हो गई. सूचना पर पहुंची पुलिस ने पंचनामा भरने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय भिजवाया. जानकारी मिली है कि मृतक व्यक्ति चमोली जिले का रहने वाला है.
रविवार देर शाम की है घटना: घटना बीती रविवार देर शाम की बताई जा रही है. केदारनाथ पैदल मार्ग पर जंगलचट्टी भैरव गदेरे के पास अचानक पहाड़ी से एक पत्थर आया जो पैदल मार्ग पर चल रहे 22 वर्षीय घोड़ा संचालक मनीष (निवासी चमोली) के सिर पर लगा. हादसे में मनीष की मौके पर ही मौत पर हो गई.
पढ़ें-Uttarkashi: सिलक्यारा टनल से हटाया गया 20 मीटर मलबा, मजदूरों के रेस्क्यू में लग सकते हैं दो दिन, 6 दिन के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन
केदारनाथ में यात्रियों को छोड़कर वापस लौट रहा था मनीष: हादसा तब हुआ जब मनीष केदारनाथ में यात्रियों को पहुंचाकर अपने घोड़े के साथ वापस लौट रहा था. हादसे के दौरान पैदल मार्ग पर अन्य घोड़ा संचालक भी मौजूद थे जो पत्थर की चपेट में आने से बच गए. मृतक के साथ चल रहे बाकी घोड़ा संचालकों ने इस घटना की सूचना पुलिस को दी. सूचना पर डीडीआरएफ (District Disaster Response Force) की टीम घटनास्थल पर पहुंची. मौके का मुआयना करने के बाद घोड़ा संचालक के शव को गौरीकुंड अस्पताल पहुंचाया गया. अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद मनीष का शव उसके परिजनों को सौंप दिया गया है.
बता दें कि, बीते 2 नवंबर को भी रुद्रप्रयाग में गौरीकुंड केदारनाथ पैदल मार्ग पर छोड़ी गदेरे के पास एक चाय की दुकान पर बांज का भारी भरकम पेड़ गिरने से 58 वर्षीय विक्रम लाल की मौत हो गई थी. विक्रम लाल रुद्रप्रयाग जिले के अगस्त्यमुनि क्षेत्र में वीरो देवल के रहने वाले थे. वो केदारनाथ पैदल मार्ग पर चाय की दुकान चलाते थे. हादसे में विक्रम लाल के साथ दुकान में मौजूद उनका 24 साल का बेटा दीपक गंभीर रूप से घायल हुआ था.