रुद्रप्रयाग: पहाड़ी क्षेत्रों से लेकर शहरी क्षेत्र जल स्रोतों पर निर्भर हैं. यहां तक कि जंगली जानवर भी इन प्राकृतिक स्रोतों से अपनी प्यास बुझाते हैं. अब ये प्राकृतिक जल स्रोत सूखने लगे हैं. पानी के अभाव से ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यह एक ऐसा संकेत है जिससे हमारा भविष्य भी खतरे में पड़ सकता है.
पहाड़ी क्षेत्रों में मानवीय छेड़छाड़ के कारण जल का संकट पैदा हो रहा है. धीरे-धीरे प्राकृतिक जल स्रोत सूख रहे हैं और लोग दिन-प्रतिदिन बढ़ते पेयजल संकट के कारण बूंद-बूंद पानी के लिए मोहताज हो रहे हैं. रुदप्रयाग जिले की ग्राम पंचायत खांखरा के छांतीखाल गांव के ग्रामीण वर्षों से गांव के ऊपर स्थित प्राकृतिक जल स्रोत पर निर्भर थे.
ग्रामीण मीना देवी और ऊषा देवी ने बताया कि इस जल स्रोत से पेयजल के साथ ही खेतों की सिंचाई भी की जाती थी. बीते पांच साल पहले गांव में विकास के लिए सड़क को जल्दी बनाने के लिए ठेकेदार ने ज्यादा ब्लास्ट करवा दिए. इससे जल स्रोत धीरे-धीरे सूखने लगे. अब स्थिति यह है कि गांव के जल स्रोत में एक बूंद पानी भी नहीं आ रहा है.