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मदमहेश्वर घाटी में मिला दिल के आकार वाला ताल, आप देखेंगे तो कहेंगे...अरे वाह ! - Heart shaped lake

रुद्रप्रयाग जिले में एक नये ताल की खोज (Discovery of new lake in Rudraprayag district) की गई है. ये ताल लगभग 16,500 फीट की ऊंचाई पर है. इस ताल की परिधि लगभग 1 किमी है. ये ताल मदमहेश्वर घाटी (Tal Madmaheshwar Valley) में स्थिति है. इस ताल तक पहुंचने के लिए 6 दिन का समय लगता है.

heart shaped lake found madmaheshwar valley
6 सदस्यीय ट्रेकर्स दल ने मदमहेश्वर घाटी में खोजा नया ताल

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Published : Sep 12, 2022, 5:25 PM IST

Updated : Sep 12, 2022, 7:49 PM IST

रुद्रप्रयाग: मदमहेश्वर से लगभग 60 किमी दूर पनपतिया ग्लेशियर के निकट 16,500 फीट की ऊंचाई पर प्रकृति प्रेमियों ने एक नये ताल की खोज (Discovery of new lake in Rudraprayag district ) की है. इस बार विभिन्न क्षेत्रों के 6 सदस्यीय दल डिजिटल रूट बनाकर अज्ञात ताल के निकट पहुंचा. ये दल अज्ञात ताल सहित विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण करने के बाद सकुशल वापस पहुंच गया है. 60 किमी की दूरी तय करने के लिए दल को को 6 दिन का समय लगा. दो दिन का समय दल को ग्लेशियरों में व्यतीत करना पड़ा.

इस पैदल ट्रेक को तय करने के लिए दल सारे उपकरणों के साथ निकला. दल के अनुसार यह पैदल ट्रेक जोखिम भरा है. इस अज्ञात ताल तक पहुंचने के लिए दल ने लगभग पांच महीने तक गूगल अर्थ मैप में हिमालय का गहन अध्ययन किया. जिसके बाद ताल का डिजिटल रूट तैयार कर अज्ञात ताल के खोज के अभियान को आगे बढ़ाया. दल में शामिल गौण्डार गांव निवासी अभिषेक पंवार ने बताया कि इस अज्ञात ताल तक पहुंचने के लिए मदमहेश्वर-धौला, क्षेत्रपाल-कांचनीखाल वाला रूट तय करना पड़ता है. पैदल ट्रेक सिर्फ अनुमान के अनुसार तय करना पड़ता है.

मदमहेश्वर घाटी में मिला दिल के आकार वाला ताल
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अत्यधिक ऊंचाई पर नेटवर्क सुविधा न होने से गूगल की मदद भी यहां नहीं ली जा सकती है. उन्होंने बताया मदमहेश्वर से अज्ञात ताल तक पहुंचने के लिए लगभग 60 किमी की दूरी तय करने पड़ती है. ये ट्रेक जोखिम भरा है. दल में शामिल गौण्डार निवासी आकाश पंवार ने बताया अज्ञात ताल तक पहुंचने के लिए दल को 6 दिन का समय लगा. 2 दिन का समय ग्लेशियरों में व्यतीत करना पड़ा.

दिल के आकार वाला ताल
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उन्होंने बताया अज्ञात ताल लगभग 16,500 फीट की ऊंचाई पर है. इस ताल की परिधि लगभग 1 किमी है. दल में शामिल बडियारगढ़-टिहरी गढ़वाल निवासी विनय नेगी ने बताया कि अज्ञात ताल का पानी हरा होने के कारण ताल की गहराई अधिक होने का अनुमान लगाया जा सकता है. ताल में पत्थर डालने पर पानी के बुलबुले उठ रहे हैं. मनसूना गिरीया निवासी दीपक पंवार ने बताया ताल के चारों तरफ बीहड़ चट्टान हैं. चाल के चारों तरफ बुग्याल नहीं है. अत्यधिक ऊंचाई के कारण उस क्षेत्र में बर्फबारी अधिक समय तक रहती है. जिसके कारण यहां बुग्याल नहीं हैं.

ट्रेकर्स दल
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बडियारगढ़- टिहरी निवासी ललित लिंगवाल ने बताया अज्ञात ताल तक पहुंचने के लिए अदम्य साहस होने के साथ सभी उपकरण व मेडिकल किट साथ रखना अनिवार्य है. ऊंचाई वाले इलाकों में विद्युत, संचार जैसी सुविधाओं का अभाव होने से पैदल ट्रेक जोखिम भरा हो जाता है. खंडाह -श्रीनगर गढ़वाल निवासी अरविन्द रावत ने बताया मदमहेश्वर धाम से लगभग 13 हजार फीट की ऊंचाई वाले भूभाग को प्रकृति ने बड़े खूबसूरत तरीके से सजाया है. 13 हजार फीट की ऊंचाई के बाद का भूभाग बर्फबारी के कारण चट्टानों से भरा हुआ है. इसलिए चट्टानों वाले भूभाग को तय करने में अधिक समय लगता है.

मदमहेश्वर घाटी का मनोरम दृश्य
Last Updated : Sep 12, 2022, 7:49 PM IST

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