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गोद लिए गये कुपोषित बच्चों का कराया गया स्वास्थ्य परीक्षण, प्रशासन वहन करेगा खर्च - administration officials adopt children

शुक्रवार को भी जिला चिकित्सालय में कुपोषित एवं अतिकुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य का परिक्षण किया गया.

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कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों का करवाया गया स्वास्थ्य परीक्षण

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Published : Dec 20, 2019, 11:37 PM IST

रुद्रप्रयाग: शुक्रवार को भी जिला चिकित्सालय में कुपोषित एवं अतिकुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य का परिक्षण किया गया. दो दिनों में 30 अति कुपोषित शिशुओं का परीक्षण बाल रोग विशेषज्ञ द्वारा किया गया है. जिलाधिकारी समेत अन्य जिला स्तरीय अधिकारियों ने जनपद के गरीब लोगों की मदद करते हुए बड़ा कदम उठाया है. उन्होंने 70 कुपोषित एवं अतिकुपोषित बच्चों को गोद लिया है.

कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों का करवाया गया स्वास्थ्य परीक्षण

शुक्रवार को जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने जिला चिकित्सालय में गोद ली हुई साथ ही बच्ची का स्वास्थ्य परीक्षण करवाया गया. जिलधिकारी ने ग्राम बावई के रहने वाले गिरीश की बेटी ईशानी को गोद लिया, जो कि अति कुपोषित है. ईशानी का वजन अभी नौ किलोग्राम है जो कि पहले छह किलोग्राम था. बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नीतू तोमर ने ईशानी का स्वास्थ्य परीक्षण के बाद ईशानी को नेशनल रिहैब सेन्टर (एनआरसी) देहरादून के लिये रेफर कर दिया.

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ईशानी के साथ ही परियोजना अर्थशास्त्री मोहन सिंह नेगी ने हड़ेटीखाल के आरुष को भी एनआरसी के लिए रेफर किया. एनआरसी में दोनों शिशुओं को डेढ़ माह तक चिकित्सकों की देखरेख में रखा जाएगा. जिसके बाद फिर से इनकी जांच की जाएगी. इन दोनों अतिकुपोषित बच्चों के आने-जाने का पूरा खर्च प्रशासन वहन करेगा.

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इसके साथ ही अन्य अधिकारियों द्वारा गोद लिये हुए कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों का जिला चिकित्सालय में परीक्षण करवाया जा रहा है. जिलाधिकारी ने बताया कि धन के अभाव में गरीब लोग पर्याप्त, पौष्टिक चीजें जैसे दूध, फल, घी इत्यादि नहीं खरीद पाते. जिसके कारण उनके बच्चे सही से बढ़ नहीं पाते और वे कुपोषण का शिकार हो जाते हैं. प्रशासन ने ऐसे ही लोगों की मदद करते हुए कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों को गोद लिया है. इसके साथ ही उनके स्वास्थ्य का परिक्षण भी जिला चिकित्सालय में कराया जाता है. ताकि वे स्वस्थ रहे.

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