रुद्रप्रयाग: ब्लॉक अगस्त्यमुनि में जगह-जगह खुले बिना मान्यता के निजी विद्यालयों पर शिक्षा विभाग देर से ही सही पर अब सख्ती से पेश आने लगा है. ब्लॉक के उपखंड शिक्षा अधिकारी ने क्षेत्र के ऐसे ही एक स्कूल को बंद करा दिया है. अन्य विद्यालयों को मान्यता के साथ ही समय सीमा के अंदर मानक पूरे करने के निर्देश दे दिए हैं.
उपखंड शिक्षा अधिकारी द्वारा स्कूल बंद कराने का आदेश शिक्षा अधिकारी की सख्ती से हड़कंप: मान्यता के मापदंडों पर शिक्षा अधिकारी ने अगर सख्ती दिखाई तो क्षेत्र के अधिकांश निजी विद्यालय बंद होने के कगार पर पहुंच जायेंगे. दरअसल मानकों की कसौटी पर शायद कुछ ही विद्यालय पास हो पायेंगे. यदि ऐसा हुआ तो निश्चित ही सरकारी विद्यालयों में छात्र संख्या बढ़ेगी. उप शिक्षा अधिकारी की इस सख्ती से क्षेत्र के निजी विद्यालयों में हड़कंप मचा हुआ है.
स्कूल की ओर से दिया गया जवाब बिना मान्यता वाले विद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई: अधिकांश निजी विद्यालय ऊंचे रसूख वालों के ही हैं और वहां पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक भी ऊंचे रसूख वाले हैं. ऐसे में उप शिक्षा अधिकारी की यह सख्ती कितनी सफल होती है, यह तो भविष्य बतायेगा. यदि शिक्षा अधिकारी की सरकारी विद्यालयों को बचाने की यह मुहिम कुछ प्रतिशत भी सफल होती है, तो केदार की भूमि से पूरे राज्य में एक शुभ संदेश तो पहुंच ही जायेगा.
गौरी मेमोरियल पब्लिक स्कूल बंद:अगस्त्यमुनि ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी एवं उपखंड शिक्षा अधिकारी अतुल सेमवाल ने जब से कार्यभार संभाला है, तब से वे लगातार सरकारी विद्यालयों में शिक्षा की बेहतरी के लिए कार्य कर रहे हैं. कुकुरमुत्तों की तरह क्षेत्र में खुले निजी विद्यालय उनके निशाने पर हैं. बिना मान्यता तथा बिना मानकों के जगह-जगह खुले इन विद्यालयों की पहचान कर वे इन्हें बंद करा रहे हैं. इसी कड़ी में उन्होंने ब्लॉक के दूरस्थ क्षेत्र भणज में बिना मान्यता के खुले गौरी मेमोरियल पब्लिक स्कूल को बंद करा दिया है, जबकि कई विद्यालयों को वे नोटिस थमा चुके हैं.
सभी निजी स्कूलों को नोटिस: समयावधि पूर्ण होने पर उनके खिलाफ भी कार्रवाई करने का निर्णय लिया जायेगा. उपखंड शिक्षा अधिकारी अतुल सेमवाल ने बताया कि उन्हें शिकायत मिली थी कि क्षेत्र में कई निजी विद्यालय बिना मान्यता के चल रहे हैं. साथ ही कई निजी विद्यालय निर्धारित मानकों को पूरा नहीं कर रहे हैं. इनमें शिक्षकों की योग्यता मुख्य है. ऐसा ही एक विद्यालय भणज में मिला जिसे उन्होंने नोटिस दिया था. इसके जवाब में प्रबंधक/प्रधानाचार्य ने स्कूल बंद करने की सूचना कार्यालय को भेजी है. इस विद्यालय के छात्रों का अन्यत्र नजदीकी विद्यालयों में प्रवेश कराने के निर्देश दे दिए गये हैं.
मान्यता 8वीं तक, कक्षाएं चल रही हैं 12वीं तक! कई विद्यालय ऐसे भी हैं जिनकी मान्यता तो आठवीं तक की है, मगर वे हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट तक की कक्षाओं का संचालन कर रहे हैं. वहीं कई विद्यालय तो अगल बगल में ही खोल दिए हैं. यह सरासर शिक्षा का अधिकार नियमावली 2011 का उल्लघंन है. ऐसा पाये जाने पर विद्यालय पर एक लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है. निर्धारित समय के बाद प्रतिदिन एक लाख रुपए के अतिरिक्त दस हजार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगाया जाता है. उसके बावजूद कई विद्यालय इसका उल्लंघन करते हैं. मान्यता के लिए आवेदन करते समय विद्यालय से आठ बिन्दुओं पर प्रमाण पत्र मांगा जाता है. जिनकी अधिकांश विद्यालय अनदेखी करते हैं. उन्होंने बीआरसी व सीआरसी को क्षेत्र के सभी निजी विद्यालयों की जांच कर आख्या प्रस्तुत करने को कहा है.
स्कूल मान्यता के समय मांगे जाने वाले प्रमाण पत्र
1- विद्यालय के नाम से किसी अन्य स्थान पर पृथक से विद्यालय तो संचालित नहीं है
2- विद्यालय में किसी अन्य गैर मान्यता प्राप्त विद्यालय के छात्र तो पंजीकृत नहीं हैं
3- विद्यालय में मान्यता से इतर किसी भी प्रकार की कक्षायें तो संचालित नहीं हैं
4- विद्यालय में किसी भी अध्यापक द्वारा विद्यालय समय के उपरान्त ट्यूशन तो नहीं पढ़ाया जाता है
5- सभी अध्यापकों को मान्यता की शर्तों के अनुसार पूर्ण वेतन का भुगतान अकाउंट पेई चेक के माध्यम से किया जाता है
6- हमने शिक्षा का अधिकार अधिनियम व राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के नियमों को भली भांति पढ़ व समझ लिया है. हमारा विद्यालय उक्त शर्तों का पूर्ण पालन करता है
7- विद्यालय उसी स्थान पर संचालित है जो स्थान मान्यता के अभिलेखों में दर्ज है
8- विद्यालय नवीन बायलॉज में दिए गये प्रावधानों का पूर्ण पालन करता है