उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

पहली बारिश में ही बहे सड़क के पुश्ते, PMGSY की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल - सड़क की गुणवत्ता पर सवाल

रुद्रप्रयाग में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत करीब 427.15 लाख की लागत से गंगतल-बैंजी मोटरमार्ग का निर्माण कार्य हुआ है. लेकिन पहली बारिश में ही सड़क के पुश्ते बह गए हैं.

gangtal bainji road
गंगतल-बैंजी सड़क

By

Published : Jun 25, 2021, 3:58 PM IST

रुद्रप्रयागः प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत निर्माणाधीन गंगतल-बैंजी मोटरमार्ग पहली बारिश में क्षतिग्रस्त हो गया है. सड़क के पुश्ते बहने और दीवारों के टूटने से विभाग की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है. ग्रामीणों का आरोप है कि विभागीय अधिकारियों और ठेकेदार की मिलीभगत से निर्माण कार्य में गुणवत्ता को दरकिनार किया गया है. इससे पहले ग्रामीण सड़क के डामरीकरण पर भी सवाल उठा चुके हैं. उधर, मामले में विभागीय अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं.

बता दें कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत करीब 427.15 लाख की लागत से 6.425 किमी लंबी गंगतल-बैंजी मोटरमार्ग पर निर्माण कार्य लंबे समय से चल रहा है. बीते दिनों डामरीकरण भी मानकों के अनुरूप नहीं किया गया तो स्थानीय जनता में पीएमजीएसवाई के खिलाफ भारी आक्रोश देखा गया था.

ये भी पढ़ेंःघटिया सड़क की ग्रामीणों ने खोली पोल, वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल

वहीं, कुछ दिन पहले हुई मूसलाधार बारिश सेमोटरमार्गपर 30 फीसदी सुरक्षा दीवारें व पुश्ते बह गए. जिसके बाद विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं. भले ही विभागीय अधिकारी मात्र दो सुरक्षा दीवारों के क्षतिग्रस्त होने की बात कह रहे हैं, लेकिन ग्रामीणों के अनुसार मोटर मार्ग पर पहली ही बारिश में 30 फीसदी सुरक्षा दीवारें व पुश्ते क्षतिग्रस्त हो चुके हैं.

ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारियों और ठेकेदार पर लगाए गंभीर आरोप

ग्रामीणों का आरोप है कि कार्यदायी संस्था और विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से सुरक्षा दीवारों व पुश्तों के निर्माण कार्य में गुणवत्ता को दरकिनार किया गया. जिसका नतीजा है कि पहली ही बारिश में मोटरमार्गधवस्त हो गया. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि मोटर मार्ग के निर्माण में विभागीय अधिकारियों ने अपने मोटे कमीशन के चक्कर में गुणवत्ता को दरकिनार किया. क्योंकि, विभाग ने सुरक्षा दीवारों व पुश्तों की नींव पक्की भूमि के बजाय मिट्टी में डालने में अपना फायदा समझा.

ये भी पढ़ेंःभरभराकर गिर रहे पुश्ते, ग्रामीणों ने गुणवत्ता पर उठाए सवाल

उधर, विभाग ने आनन-फानन में कुछ क्षतिग्रस्त पुश्तों का निर्माण कार्य दोबारा से शुरू कर दिया है, लेकिन मोटर मार्ग पर बने पुश्तों व सुरक्षा दीवारों से भी भविष्य में कई मकानों व गौशालाओं को खतरा बना हुआ है. ग्रामीण नीरज सिंह ने बताया कि मोटरमार्ग पर अधिकांश सुरक्षा दीवारें पहली ही बारिश में क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं.

अधिशासी अभियंता ने जेई पर फोड़ा ठीकरा

वहीं, विभाग के अधिशासी अभियंता कमल सिंह सजवाण का कहना है कि विभागीय जेई की ओर से मोटरमार्ग पर मात्र दो सुरक्षा दीवारें क्षतिग्रस्त होने की जानकारी दी गई है. ठेकेदार को दोनों सुरक्षा दीवारों को दोबारा बनाने के निर्देश दिए गए हैं. ऐसे में लगता है कि विभागीय जेई ही अपने अभियंताओं की आंखों में धूल झोंकने में लगे हुए हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details