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नदियों में डाल रहे थे ऑल वेदर रोड का मलबा, निर्माण कंपनियों पर 20 लाख का जुर्माना - रुद्रप्रयाग वन प्रभाग

बदरीनाथ हाईवे पर जनपद की सीमा में सिरोबगड़ से घोलतीर तक आरसीसी कंपनी कार्य कर रही है. केदारनाथ हाईवे पर जवाड़ी बाइपास से फाटा तक आरजीबी कंपनी कार्य कर रही है. ये कंपनियां नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए निर्माण कार्य करने में लगी हैं. लिहाजा, सड़क कटिंग का मलबा सीधे अलकनंदा व मंदाकिनी नदी में फेंका जा रहा है. इस कारण नदियां प्रदूषित होने के साथ ही जीव-जंतुओं के अस्तित्व पर भी खतरा मंडरा रहा है.

Fine imposed on All weather project construction companies
Fine imposed on All weather project construction companies

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Published : Apr 12, 2022, 1:37 PM IST

Updated : Apr 12, 2022, 1:44 PM IST

रुद्रप्रयाग:बदरीनाथ और केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर ऑल वेदर रोड का कार्य कर रही कंपनियों की अब खैर नहीं है. वन विभाग की ओर से इन कंपनियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई अमल में लाई जा रही है, जो पहाड़ी कटिंग का मलबा सीधे मंदाकिनी व अलकनंदा नदी में फेंक रहे हैं. अब तक वन विभाग की ओर से 20 लाख का जुर्माना वसूला गया है और सख्त हिदायत देते हुए नदियों में मलबा नहीं डालने के निर्देश दिये गये हैं.

बता दें कि बदरीनाथ हाईवे पर जनपद की सीमा में सिरोबगड़ से घोलतीर तक आरसीसी कंपनी कार्य कर रही है. केदारनाथ हाईवे पर जवाड़ी बाईपास से फाटा तक आरजीबी कंपनी कार्य कर रही है. ये कंपनियां नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए निर्माण कार्य करने में लगी हैं. लिहाजा, सड़क कटिंग का मलबा सीधे अलकनंदा व मंदाकिनी नदी में फेंका जा रहा है. इस कारण नदियां प्रदूषित होने के साथ ही जीव-जंतुओं के अस्तित्व पर भी खतरा मंडरा रहा है. साथ ही बरसाती सीजन में यह मलबा तबाही का रूप ले लेता है, जिससे नदी किनारे बसे लोगों को काफी दिक्कतें होती हैं.

ऑल वेदर रोड परियोजना निर्माण कंपनियों पर वन विभाग ने ठोका 20 लाख का जुर्माना.

इन दिनों बदरीनाथ हाईवे के नरकोटा व तिलणी के पास कटिंग का कार्य चल रहा है. आरसीसी कंपनी एनजीटी के नियमों को ताक पर रखकर कार्य करने में लगी है. पहाड़ी कटिंग के मलबे को सीधे नदी में फेंका जा रहा है, जिस पर वन विभाग ने भी एक्शन ले लिया है और कंपनी के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जा रही है. इसके अलावा केदारनाथ हाईवे के फाटा, शेरसी सहित अन्य स्थानों पर कटिंग का कार्य चल रहा है. साथ ही पुलों का निर्माण भी किया जा रहा है. इन निर्माण कार्यों से निकले मलबे को नदी में फेंका जा रहा है. यह मलबा बरसाती सीजन में बड़ी घटना को न्योता दे सकता है. ऐसे में वन विभाग भी शीघ्रता से कार्रवाई करने में लगा है.

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विभाग की ओर से अब तक दोनों कंपनियों के खिलाफ बीस लाख के चालान काट दिये गये हैं. साथ ही कंपनियों को सख्त हिदायत देते हुए मंदाकिनी व अलकनंदा नदियों में मलबा नहीं फेंकने के निर्देश दिये हैं. रुद्रप्रयाग वन प्रभाग के उप वन संरक्षक वैभव कुमार सिंह ने कहा कि मॉनसून सत्र में आपदा की घटना बढ़ने की आशंका रहती हैं. मलबे के कारण स्थानीय लोगों की पेयजल लाइन को भी नुकसान पहुंचता है. आरसीसी व आरजीबी कंपनियों के खिलाफ शिकायतें मिल रही हैं.

ऐसे में समय-समय पर कंपनियों की ओर से बनाये गये डंपिंग जोन के साथ ही नदियों में फेंके गये मलबे का निरीक्षण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रकरण संज्ञान में आने पर विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया जा रहा है. अभी तक बीस लाख का जुर्माना कंपनियों पर ठोका गया है. निर्माणदायी संस्थाओं को सख्त हिदायत दी गई है कि पहाड़ कटिंग का मलबा नदियों में ना डाला जाए.

Last Updated : Apr 12, 2022, 1:44 PM IST

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