रुद्रप्रयाग:केदारघाटी के ऊंचाई वाले इलाकों में मौसम की चौथी बर्फबारी और निचले क्षेत्रों में मौसम के अनुकूल हल्की बारिश होने से काश्तकारों के चेहरे खिल उठे हैं. केदारघाटी के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी व निचले क्षेत्रों में हल्की बारिश होने से सम्पूर्ण केदारघाटी शीतलहर की चपेट में आ गयी है. वहीं, निचले क्षेत्रों में हल्की बारिश होने से तुंगनाथ घाटी के जंगलों में लगी भीषण आग पर काबू पा लिया गया है. इसके साथ ही अगर आने वाले दिनों में यदि मौसम का मिजाज इसी प्रकार रहा तो निचले क्षेत्रों में भी बर्फबारी हो सकती है.
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दरअसल, इस साल 27 सितम्बर, 16 नवम्बर तथा 11 दिसम्बर को हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी हुई थी. 16 नवम्बर व 11 दिसम्बर को केदारनाथ, मद्महेश्वर व तुंगनाथ धामों में भी जमकर बर्फबारी हुई थी. वहीं, निचले क्षेत्रों में मौसम के अनुकूल बारिश न होने से काश्तकारों की चिन्तायें बढ़ती जा रही थी. साथ ही क्षेत्र के अधिकांश जंगल भीषण आग की चपेट में आने से लाखों की वन सम्पदा स्वाहा हो गयी थी. लेकिन मंगलवार सुबह मौसम ने अचानक करवट ली और केदारघाटी के हिमालयी क्षेत्रों सहित केदारनाथ, मदमहेश्वर, तुंगनाथ, पंवालीकांठा, मनणामाई, पाण्डवसेरा, नन्दीकुण्ड में बर्फबारी व निचले क्षेत्रों में मौसम के अनुकूल हल्की बारिश देखने को मिली. वहीं, हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी तथा निचले क्षेत्रों में हल्की बारिश होने से कड़ाके की ठंड में इजाफा होने से ग्रामीण घरों में कैद रहने को मजबूर हैं.
आने वाले दिनों में यदि मौसम का मिजाज इसी तरह रहा तो त्रियुगीनारायण, गौरीकुण्ड, चैमासी, चिलौण्ड, गौण्डार, रांसी, गड़गू, चोपता, दुगलबिट्टा, कार्तिक स्वामी, मोहनखाल, घिमतोली सहित सीमान्त क्षेत्रों में बर्फबारी होने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है.
ग्रामीण गजपाल भट्ट ने बताया कि केदार घाटी में मौसम के अचानक करवट लेने से ठंड में अत्यधिक इजाफा हुआ है, जिससे ग्रामीण घरों में कैद रहने को विवश हो गये हैं. व्यापार संघ अध्यक्ष आनंद सिंह रावत ने बताया कि मौसम के मिजाज बदलने से मुख्य बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा, जिससे व्यापारियों के व्यवसाय पर खासा असर देखने को मिला.