रुद्रप्रयाग: मदमहेश्वर घाटी के ऊंचाई वाले इलाकों में मौसम के अनुकूल बर्फबारी न होने से बुरूवा भेंटी के जंगल भीषण आग की चपेट में आ गए हैं. जंगलों में भीषण आग लगने से वन संपदा को नुकसान पहुंच रहा है और वन्यजीव-जन्तुओं के जीवन पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं. यदि समय रहते आग पर काबू नहीं पाया गया तो जंगलों में लगी आग विकराल रूप धारण कर सकती है. जिससे बुरूवा भेंटी के जंगलों की आग टिगंरी होते हुए सोन पर्वत के अंचल में बसे सुरम्य मखमली बुग्यालों तक पहुंच सकती है. वहीं नैनीताल के कैंची धाम मंदिर के जंगलों में पिछले तीन दिनों से आग लगी हुई है. आग की लपटें सड़क तक पहुंच रही हैं.
रुद्रप्रयागमदमहेश्वर घाटी के बुरूवा भेंटी के जंगल सोमवार देर रात से भीषण आग की चपेट में आ गये हैं. जंगलों में भीषण आग लगने से वन सम्पदा को नुकसान पहुंच रहा है और वन्यजीवों के जीवन पर संकट के बादल मंड़राने लगे हैं. जनवरी माह में जंगलों में भीषण आग की चपेट में आने का मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम के अनुकूल बर्फबारी न होना माना जा रहा है. क्योंकि जनवरी माह में बर्फबारी से आच्छादित रहने वाला भूभाग बर्फ विहीन होने से जंगलों में लगी आग भीषण रूप धारण कर चुकी है.
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बुरूवा भेंटी के जंगलों में लगी भीषण आग पर यदि समय रहते काबू नहीं पाया गया तो आग टिगंरी होते हुए सोन पर्वत के अंचल में बसे सुरम्य मखमली बुग्यालों में पहुंच सकती है. जिससे कुखणी, माखुणी जया, विजया, केतकी, अतीश, कुटकी, रातों की रानी सहित दो दर्जन से अधिक प्रजाति की बेस कीमती जड़ी-बूटियों को भारी नुकसान पहुंच सकता है.