रुद्रप्रयागः साल 2023 के मॉनसून सीजन में केदारघाटी में जमकर तबाही देखी गई. इस मॉनसून सीजन में केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग किनारे स्थित एक दर्जन से अधिक होटल, लॉज और रिजॉर्ट बारिश और भूस्खलन के कारण तबाह हुए हैं. केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव गौरीकुंड में भूस्खलन के कारण 10 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी जबकि 13 लोग अभी भी लापता हैं. इस हादसे का एक कारण अतिक्रमण भी था. लिहाजा, इस बेहद गंभीर आपदा के बाद मंदाकिनी नदी किनारे से प्रशासन ने अतिक्रमण हटा दिया था. लेकिन अब यात्रा के दोबारा रफ्तार पकड़ते ही फिर से अतिक्रमण शुरू हो गया है.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Sep 12, 2023, 3:46 PM IST
|Updated : Sep 12, 2023, 4:57 PM IST
गौरीकुंड हादसे के बाद भी नहीं सुधरा रुद्रप्रयाग प्रशासन! हाईवे किनारे फिर सजने लगा अतिक्रमण
Encroachment in Gaurikund केदारनाथ हाईवे पर गौरीकुंड में फिर से अतिक्रमण शुरू हो गया है. अतिक्रमण के कारण ही 4 अगस्त को मलबे की चपेट में आने से 3 दुकानें ध्वस्त हो गई थी. इस हादसे में 10 लोगों की जान चली गई और अन्य 13 लोग लापता हैं. ऐसे में एक बार फिर अतिक्रमण होने से हादसे को न्योता दिया जा रहा है. Gaurikund Accident
केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव गौरीकुंड से लेकर सोनप्रयाग तक केदारनाथ हाईवे बेहद संकरा है. यहां बमुश्किल से एक वाहन की आवाजाही हो पाती है. यात्रा सीजन के दौरान स्थानीय लोगों द्वारा हाईवे किनारे और मंदाकिनी नदी के ठीक ऊपर दुकान और ढाबे बनाकर नेपाली मूल के लोगों को किराए पर दिए जाते रहे हैं. पिछले 4 अगस्त को गौरीकुंड में पहाड़ी टूटने से तीन दुकानें ध्वस्त हो गई थी. इस आपदा में 23 लोग मंदाकिनी नदी में लापता हो गए थे. जिनमें से 13 लोग अभी भी लापता हैं. इसके बाद प्रशासन ने हाईवे किनारे से अतिक्रमण हटाने का काम किया था. लेकिन लोगों ने दोबारा से अतिक्रमण करना शुरू कर दिया है.
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गौरीकुंड और सोनप्रयाग के बीच केदारनाथ हाईवे किनारे फिर से दुकानें खोली जाने लगी हैं. यानी साफ है कि फिर से किसी हादसे को न्योता दिए जाने की तैयारी की जा रही है. गौरीकुंड से सोनप्रयाग तक केदारनाथ हाईवे का 5 किमी क्षेत्र बेहद ही खतरनाक है. 2013 की आपदा में पांच किमी हाईवे पूरी तरह से बह गया था. दोबारा हाईवे का निर्माण तो हुआ है, लेकिन अभी भी हाईवे बेहद संकरा है और पहाड़ी टूटने का खतरा हर समय बना रहता है. ऐसे में हाईवे किनारे दोबारा अतिक्रमण किया जाना फिर किसी हादसे को न्योता देना है. आपदा प्रबंधन अधिकारी रुद्रप्रयाग नंदन सिंह रजवार का कहना है कि आपदा के दृष्टिगत दोबारा हो रहे अतिक्रमण की रिपोर्ट तहसील प्रशासन ऊखीमठ को सौंप दी गई है.