रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम की यात्रा अंतिम चरण में पहुंच चुकी है. 16 नवंबर को शीतकाल के छ: महीने के लिए केदारनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे. दीपावली का समय नजदीक आने पर केदारनाथ धाम पहुंच रहे यात्रियों की संख्या में भी कमी आई है, जिस कारण केदारनाथ धाम के लिये उड़ान भरने वाली चार हेली सेवाएं ने अपनी सेवाएं बंद कर दी हैं, और अन्य चार सेवाएं भी एक-दो दिन में बंद होने वाली हैं. वहीं, केदारनाथ धाम में अब ठंड का प्रकोप भी लगातार बढ़ गया है.
गौरतलब है कि आगामी 16 नवंबर को केदारनाथ के कपाट शीतकाल के छ: महीने के लिए बंद किए जाएंगे. मौसम खराब होने के कारण केदारनाथ में इन दिनों बर्फबारी का दौर जारी है, दो बार की बर्फबारी होने के बाद धाम में ठंड भी अत्यधिक बढ़ गई हैं, जिस कारण धाम पहुंच रहे यात्रियों को ठंड का भी सामना करना पड़ रहा है. दीपावली का समय नजदीक आने, ठंड बढ़ने और हेली सेवाओं के बंद होने से धाम पहुंच रहे यात्रियों की संख्या में भी कमी है. चिप्सन, ऐरो और पिनेकल हेली सेवाएं ने केदारनाथ धाम के लिये उड़ान भरना बंद कर दिया है.
केदारनाथ के कपाट बंद करने की तैयारियां भी अब शुरू हो गई हैं. 16 नवंबर को भैयादूज के पर्व पर सुबह साढ़े आठ बजे धाम के कपाट बंद होंगे, और बाबा केदार की पांच मुख वाली चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गददीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिये प्रस्थान करेगी.
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कोरोना वायरस की वजह से केदारनाथ धाम की यात्रा अंतिम चरण के दो महीने में खूब चली, दो महीने में एक लाख से अधिक यात्रियों ने बाबा केदार के दरबार में मत्था टेका. अभी तक 1 लाख 26 हजार से अधिक तीर्थ यात्री बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं. अब बाबा केदार के कपाट बंद होने में मात्र पांच दिन का समय शेष है. अंतिम चरण में केदारनाथ यात्रा में कम ही तीर्थ यात्री पहुंच रहे हैं, इस बार बाबा के भक्तों को मंदिर के सभामंडल से ही दर्शन कराए गए. कोरोना वायरस की वजह से भक्तों को मंदिर के गृर्भगृह में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई, लेकिन बावजूद इसके यात्री खुश हैं.