रुद्रप्रयागःपंच केदारों में से तृतीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान तुंगनाथ (Lord Tungnath) की चल विग्रह उत्सव डोली सुबह भूतनाथ मंदिर से कैलाश के लिए रवाना (Leave for Kailash from Bhootnath temple) हुई. डोली देर शाम तक अपने अंतिम रात्रि प्रवास के लिए चोपता पहुंची (Lord Tungnath Doli reached Chopta for night stay) जहां स्थानीय व्यापारियों व देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं ने डोली का भव्य स्वागत किया. छह मई की सुबह डोली के तुंगनाथ पहुंचने पर 11 बजे के करीब तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे.
चोपता पहुंची भगवान तुंगनाथ की चल उत्सव डोली, आज खुलेंगे कपाट
उत्तराखंड के चार धामों के बाद अब पंच केदारों के कपाट भी खुलने जा रहे हैं. पंच केदारों में से तृतीय केदार के रूप में विख्यात भगवान तुंगनाथ की डोली भी गुरुवार को अपने आखिरी रात्रि प्रवास के लिए चोपता पहुंची. आज सुबह डोली तुंगनाथ के लिए रवाना होगी. सुबह 11 बजे कपाट खोले जाएंगे.
गुरुवार को भूतनाथ मंदिर से डोली के कैलाश रवाना होने पर महिलाओं ने मांगल गीतों व भक्तों ने बाबा शंकर के जयकारों से अगुवाई की. कल सुबह भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली चोपता से रवाना होकर विभिन्न सुरम्य मखमली बुग्यालों में नृत्य करते हुए धाम पहुंचेगी और भगवान तुंगनाथ के कपाट वेद ऋचाओं के साथ ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए जाएंगे.
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गुरुवार को भूतनाथ मंदिर मक्कूमठ में ब्रह्म बेला पर विद्वान आचार्यों ने पंचाग पूजन के तहत अनेक पूजाएं संपन्न कर भगवान तुंगनाथ सहित 33 करोड़ देवी-देवताओं का आह्वान किया. इसके बाद सुबह 11 बजे भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली का भव्य श्रृंगार कर आरती उतारी गई. इसके बाद डोली भूतनाथ मन्दिर की तीन परिक्रमा कर कैलाश के लिए रवाना हुई.