रुद्रप्रयाग: पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विख्यात और सुरम्य मखमली बुग्यालों के बीच विराजमान भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली शनिवार को सादगी के साथ अपने शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर से धाम के लिए रवाना हो गयी है. पहले दिन रात्रि प्रवास के लिए डोली राकेश्वरी मन्दिर रासी पहुंची. डोली के धाम रवाना होने पर तहसील व पुलिस प्रशासन की कड़ी निगरानी रही. इस दौरान मिनी लॉक डाउन के नियमों का सख्ती से पालन किया गया.
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डोली के साथ प्रशासन द्वारा नियुक्त देवस्थानम बोर्ड व हक-हकूकधारी के सिर्फ 20 लोग शामिल हुए. रावल भीमाशंकर लिंग ने परम्परा अनुसार मंगोलचारी तक डोली की अगुवाई की और मंगोलचारी से रासी तक दूसरी बार भगवान मदमहेश्वर की डोली को रथ से राकेश्वरी मन्दिर रासी तक पहुंचाया गया.
24 मई को खुलेंगे कपाट भगवान मदमहेश्वर धाम के कपाट. मिनी लॉकडाउन के कारण श्रद्धालुओं ने अपने घरों से भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली को पुष्प अक्षत्र अर्पित कर कैलाश के लिए विदा किया. रविवार को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए गौण्डार गांव पहुचेंगी. इसके बाद 24 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के धाम पहुंचने पर भगवान मदमहेश्वर के कपाट विधि-विधान से ग्रीष्मकाल के लिए खोले जाएंगे.