रुद्रप्रयाग: आमजन की समस्याओं के प्रति बेहद संवेदनशील जिलाधिकारी मनुज गोयल ने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलमार्ग परियोजना के प्रभावित ग्राम सुमेरपुर, रतूड़ा व तिलनी वासियों की समस्याओं को सुमेरपुर वर्क स्टेशन में सुना. इसके साथ ही गांव में रेलवे के आर एंड आर प्लान के तहत किये जाने वाले बुनियादी सुविधाओं व विकास कार्यों की जानकारी दी गई.
बता दें कि जिले के सुमेरपुर, रतूड़ा व तिलनी की जनता रेल निर्माण कार्य से काफी परेशान है. रेल निर्माण में मानकों की अनदेखी की जा रही है. दिनभर उड़ रही धूल से लोगों के आवासीय भवनों को खासा नुकसान हो रहा है. जबकि रोजगार को लेकर भी कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं. ऐसे में जिलाधिकारी मनुज गोयल ने स्थानीय लोगों की समस्याओं के समाधान को लेकर सुमेरपुर में बैठक आयोजित की और उनकी समस्याओं को सुना.
साथ ही जिलाधिकारी ने रेलवे के अधिकारियों को क्षेत्र में प्रतिदिन 14 बार टैंकर से पानी के छिड़काव करने के साथ ही धूल से प्रभावित हो रहे घरों में उनकी आवश्यकता के अनुसार ग्रीन नेट अथवा प्लास्टिक सीट कवर लगाने के निर्देश दिए. वहीं, इसके लिए उपजिलाधिकारी सदर को एक सप्ताह में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए. साथ ही गांव में किये जाने वाले अतिआवश्यक कार्यों के लिए संबंधित क्षेत्र के दो जनप्रतिनिधियों सहित राजस्व उपनिरीक्षक व रेलवे के इंजीनियर को आख्या देने की बात कही.
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सुमेरपुर में रेलवे के पुनर्वास एवं पुनर्सुधार योजना से विद्युत पोल स्थानांतरण, भंडारी भवन, चित्रकूट धाम, भैरव गदेरा से घाट तक मार्ग निर्मित करने, आंगनबाड़ी केंद्र भवन, बजूडा में सुरक्षा दीवार आदि के कार्य किये जायेंगे. इसी तरह रतूड़ा के राजकीय इंटर कॉलेज में चार अतिरिक्त कक्षा कक्ष, ग्राम पंचायत रतूड़ा में नाली व सीसी निर्माण तथा राजकीय इंटर कॉलेज रतूड़ा से डाइट तक सीसी निर्माण का कार्य किया जाएगा. बैठक में प्रभावितों द्वारा सिर्फ प्रभावितों के परिवारों को ही रोजगार दिए जाने के संबंध में जिलाधिकारी ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि प्रभावित ग्रामवासियों को उनकी तकनीकी अर्हता व रेलवे की आवश्यकता के आधार पर रोजगार दिया जाए और इस संबंध में ग्रामीणों को रोजगार दिए जाने के लिए रेलवे के अधिकारियों को निर्देश दिए.
साथ ही उन्होंने बैठक में बताया गया कि सुमेरपुर, रतूड़ा व तिलणी आदि गांवों के प्रभावित परिवार के करीब 15 से 20 लोगों को रेलवे में रोजगार दिया जा चुका है. साथ ही लोगों की मांग के अनुसार रेलवे के अधिकारियों को तकनीकी अर्हता के साथ-साथ अन्य संभावित माध्यम से प्रभावित परिवार के सदस्यों को रोजगार दिलवाए जाने के निर्देश भी दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि रेलवे निर्माण के तहत अधिग्रहित किए गए मकान अथवा व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के मुआवजे के अतिरिक्त प्रभावित हुए प्रति परिवार को एकमुश्त पांच लाख रुपए की धनराशि पूर्व में ही निर्गत की जा चुकी है. इसके अलावा रेलवे अधिनियम अथवा प्रावधानों के अंतर्गत रोजगार सृजन की जो भी संभावनाएं हो सकती हैं, उस पर यथाशीघ्र अमल करने के लिए रेलवे के अधिकारियों को निर्देश भी दिए गए.