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वन स्टॉप सेंटर खुलने से महिलाओं को मिलेगा न्याय, जानें कैसे होगा फायदा

रुद्रप्रयाग में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर वन स्टॉप सेंटर की स्थापना के लिए बैठक का आयोजन किया गया. यह बैठक जिला कार्यालय सभागार में जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल की अध्यक्षता में हुई. जिसमें सेंटर का काम शुरू करने को लेकर दिशा-निर्देश दिए गये.

वन स्टॉप सेंटर को लेकर हुई बैठक.

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Published : Oct 23, 2019, 7:19 AM IST

रुद्रप्रयाग: महिलाओं की सुरक्षा को लेकर रुद्रप्रयाग जिला कार्यालय सभागार में डीएम मंगेश घिल्डियाल की अध्यक्षता में में वन स्टॉप सेंटर की स्थापना को लेकर बैठक की गई. सेंटर का काम शुरू करने को लेकर जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने दिशा-निर्देश जारी किए.

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बैठक में डीएम मंगेश घिल्डियाल ने सेन्टर के निर्माण का कार्य कर रही कार्यदायी संस्था आरईएस को जल्द से जल्द सेंटर का काम शुरू करने व डीपीओ को सभी पद भरने के निर्देश दिए. वन स्टॉप सेंटर का उद्देश्य निजी और सार्वजनिक स्थानों पर परिवार, समुदाय के भीतर और कार्य स्थल पर हिंसा से प्रभावित महिलाओं का समर्थन करना है.

इस योजना के तहत अगर 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों को केंद्र में भेजा जाता है, तो उन्हें किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2000 और यौन अपराध अधिनियम, 2012 से बच्चों के संरक्षण के तहत स्थापित अधिकारियों व संस्थानों के साथ समन्वय में सम्मेलित किया जाएगा. साथ ही परामर्श सेवाओं के साथ केंद्र 24 घंटे खुला रहेगा.

महिलाओं के खिलाफ किसी भी प्रकार की हिंसा से लड़ने के लिए एक छत के नीचे चिकित्सा, कानूनी, मनोवैज्ञानिक और परामर्श सहित कई सेवाएं प्रदान करना है. वन स्टॉप सेंटर हिंसा, जाति, वर्ग, धर्म, क्षेत्र, यौन अभिविन्यास या वैवाहिक स्थिति में प्रभावित हुई 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों सहित सभी महिलाओं का समर्थन करेगा. इस बैठक में सिविल जज आरती सरोहा, सीएमओ डॉक्टर एसके झा, डीपीओ हिमांशु बडोला, डीपीआरओ चमन सिंह राठौर, डीएसडब्ल्यूओ बीएस रावत सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.

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