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केदार धाम में चल रहे निर्माण कार्यों का डीएम ने लिया जायजा, बेटे को कंधे पर बैठा कर कराई यात्रा

जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने परिवार समेत पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लिया. इसके साथ ही डीएम ने अपने बेटे को कंधे पर बैठाकर केदार धाम की यात्रा करवाई. साथ ही परिवार के साथ सोनप्रयाग स्थित पहाड़ी किचन भी पहुंचे.

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Published : Sep 23, 2019, 5:31 PM IST

डीएम ने किया व्यवस्थाओं का निरीक्षण.

रुद्रप्रयाग:केदारनाथ धाम में जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने परिवार समेत पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लिया. साथ ही कार्यदायी संस्थाओं को काम में तेजी लाने के लिए गुणवत्ता और समय सीमा के भीतर पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही जिलाधिकारी ने आदि शंकराचार्य समाधि स्थल का भी निरीक्षण किया. वहीं, बेटे को कंधे पर बैठाकर डीएम ने केदार यात्रा कराई, जिसे देख लोग काफी खुश नजर आए.

परिवार सहित डीएम ने किया व्यवस्थाओं का निरीक्षण.

बता दें कि शंकराचार्य समाधि का कार्य दो चरणों में किया जाना है, जिसमें प्रथम चरण में खुदाई का कार्य पूरा किया जा चुका है. द्वितीय चरण में निर्माण का कार्य किया जाना है. इसके साथ ही डीएम ने सरस्वती नदी में निर्माणाधीन सुरक्षा दीवार और आस्था पथ का निरीक्षण किया. सरस्वती नदी पर स्थित घाट से मंदिर के मुख्य मार्ग पर शॉपिंग प्लाजा का निर्माण कार्य प्रस्तावित है. प्लाजा के निर्माण के लिए डीएम ने जमीन का जायजा लिया. वहीं, आस्था पथ का 60 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है. इस यात्रा सीजन से पूर्व ही आस्था पथ का कार्य पूरा हो जाएगा. मंदाकनी नदी की रिकलैम जगह पर व्यापार संघ द्वारा दुकानों की मांग के संबंध में डीएम ने प्रस्ताव शासन को भेजने की बात कही है.

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मंदिर के मुख्य मार्ग में 5 तीर्थ पुरोहितों के मकान का कार्य निर्माणाधीन है, जिसमें से एक घर का कार्य पूरा हो चुका है और एक घर इस महीने के अंत तक पूरा हो जाएगा. इन घरों में टीक की लकड़ी के दरवाजे, देवदारु की लकड़ी की नक्काशी और फाल सीलिंग की गई है. साथ ही बरामदे पठाल का बनाया गया है. इसके साथ ही मंदाकिनी नदी पर निर्माणाधीन पुल जो गरुड़चट्टी को जोड़ेगा और सरस्वती नदी पर निर्माणधीन पुल जो भैरव गदेरा को जोड़ेगा, का कार्य प्रगति पर है.

दूसरी ओर जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल पत्नी उषा घिल्डियाल और साथ में जिले के अन्य अधिकारी सोनप्रयाग स्थित पहाड़ी किचन में पहुंचे. जहां उन्होंने खाना खाकर सभी सदस्यों का हौसला बढ़ाया.

जिलाधिकारी ने खाने की तारीफ करते हुए बताया कि इसी तरह के विचारों को आगे बढ़ाने की जरुरत है, जिस तरह से इसमें कपली, थिचवानी, चैसा, भटवानी, मंडुवे की रोटी, भंगजीरे की चटनी और झंगोरे की खीर को परोसा जा रहा है. ये हमारे गढ़वाल को देश के सामने अपनी संस्कृति और पहचान बनाने में मदद कर रहा है. इससे रोजगार भी उपलब्ध होंगे. उन्होंने सोनप्रयाग में उन असहाय लोगों से भी उनके हाल पूछे, जिनका यूथ फाउंडेशन के द्वारा दिल्ली में इलाज कराया जा रहा है.

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