रुद्रप्रयाग:जिला अस्पताल के डॉक्टर द्वारा मरीजों से अनाधिकृत रूप से धनराशि की मांग के मामले को डीएम मनुज गोयल ने गंभीरता से लिया है. उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की है. जिसमें मुख्य चिकित्सा अधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक सदस्य है. समिति एक सप्ताह के भीतर जिलाधिकारी को जांच रिपोर्ट सौंपेगी.
दरअसल, विकासखंड अगस्त्यमुनि के जगोठ निवासी जितेंद्र सिंह ने शिकायती पत्र में जिलाधिकारी मनुज गोयल को बताया कि जब वह अपने पैर का उपचार करने जिला अस्पताल के हड्डी विभाग में गए तो उसे पैर के ऑपरेशन के लिए बीते 18 मार्च की तिथि दी गई थी. साथ ही आयुष्मान कार्ड न होने के कारण उससे पचास हजार रुपए की मांग की गई. जिसके बाद मरीज द्वारा अपना आयुष्मान कार्ड बनाया गया. आयुष्मान कार्ड बनने के बाद भी डॉक्टर द्वारा उनसे तीस हजार रुपए की मांग की जा रही है. इसके साथ ही ऑपरेशन करने को लेकर लगातार आगे की तिथियां निर्धारित की जा रही हैं. साथ ही पैसों की मांग की जा रही थी.
आम जनता को स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता के आधार पर मुहैया कराने की दिशा में तत्पर जिलाधिकारी द्वारा इन शिकायतों को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए समिति को वास्तविक स्थिति से अवगत कराने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर जांच में अस्पताल का कोई भी कर्मचारी दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. जनता को हो रही दिक्कतों को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से इस कार्य को उच्चतम प्राथमिकता के आधार पर करने को कहा गया है. अस्पताल प्रशासन की अनेक शिकायतें लगातार जिलाधिकारी के संज्ञान में दूरभाष व स्वयं मरीजों द्वारा समय-समय पर लाई जा रही थी. इनमें मरीज के पास आयुष्मान कार्ड होने के बाद भी अनाधिकृत रूप से धनराशि की मांग करने सहित प्राइवेट मेडिकल स्टोर से मरीजों को दवाईयां व उपकरण इत्यादि सामग्री क्रय करवाना, मरीजों को अनावश्यक रूप से उच्च सेंटर संदर्भित किए जाने आदि की शिकायतें हैं.
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डीएम गोयल ने कहा कि जिला अस्पताल में मरीजों को अनावश्यक रूप से परेशान करने के मामले प्रकाश में आ रहे हैं. इन मामलों को गंभीरता से लिया जा रहा है. जांच के बाद दोषी पाये जाने वाले डॉक्टर और कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगा.